हरीश रावत के बयान से उलझी पहेली
सुमित हृदयेश सहित कई दावेदार
हल्द्वानी/देहरादून। कांग्रेस की कद्दावर नेता रही स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद भले ही उनके बेटे सुमित हृदयेश को उनकी राजनीतिक विरासत का स्वाभाविक उत्तराधिकारी माना जा रहा था लेकिन अब पूर्व सीएम हरीश रावत के एक बयान ने इस पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश जिन्हें उत्तराखंड की राजनीति में मैडम के नाम से जाना जाता था अपने पूरे राजनीतिक जीवन में दबंगता का पर्याय रही। उनकी पैतृक सीट हल्द्वानी से अब उनकी पैतृक और राजनीतिक विरासत को संभालने का मौका किसे मिलेगा इसके बारे में भले ही अब तक उनके बेटे सुमित हृदयेश को उनका स्वाभाविक उत्तराधिकारी माना जा रहा था लेकिन हरीश रावत द्वारा यह कहे जाने के बाद की सुमित उनके बेटे हैं तथा उनकी राजनीतिक विरासत के अधिकारी भी है लेकिन इसका अर्थ चुनाव लड़ने से ही नहीं होता है कर्तव्य निर्वहन से भी होता है। हल्द्वानी से सुमित की टिकट के लिए प्रबल दावेदारी है लेकिन टिकट किसे मिलेगा जिसका अंतिम फैसला श्रीमती सोनिया गांधी को ही करना है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश अपने जीवनकाल में ही अपने बेटे को मेयर का चुनाव लड़ा कर अपना उत्तराधिकारी घोषित कर चुकी थी। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल भी सुमित हृदयेश को उनका स्वाभाविक उत्तराधिकारी बता चुके हैं यही नहीं खुद सुमित भी लंबे समय से अपनी मां के विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम करने में लगे हुए हैं और उनका कहना है कि वह निर्विकार रूप से अपनी मां द्वारा अधूरे छोड़े गए कामों को करना और जन सेवा करना चाहते हैं। लेकिन अब पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान से ऐसा लगता है कि वह कुछ और ही चाहते हैं। ख्ौर इस हल्द्वानी सीट पर कई प्रबल दावेदार हैं देखना होगा कि किसकी लॉटरी खुलती है।