नई दिल्ली । टैक्स कलेक्शन के जरिए सरकार का खजाना बढ़ता जा रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने इनकम टैक्स कलेक्शन का जो लक्ष्य रखा है उसका तिहाई केवल चार महीनों अप्रैल से जुलाई के बीच सरकार जुटाने में कामयाब रही है। इनकम टैक्स कलेक्शन ने कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन को भी पीछे छोड़ दिया है। माना जा रहा है कि इनकम विभाग की सख्ती और कम्पलॉयंस के लिए उठाये गए कदमों का नतीजा है। आकड़ों के मुताबिक कुल डायरेक्ट कलेक्शन जिसमें कॉरपोरेट टैक्स से लेकर पर्सनल इनकम टैक्स भी शामिल है उसमें बीते साल के मुकाबले 40 फीसदी का उछाल आया है। अप्रैल से जुलाई के बीच डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 5 लाख करोड़ रुपये रहा है जो पूरा साल के लिए 14। 2 लाख करोड़ के लक्ष्य का 35 फीसदी है। माना जा रहा है कि शानदार टैक्स कलेक्शन से वैश्विक तनाव और कड़े मॉनिटरी पॉलिसी से पैदा हुए हालात से सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष में निपटने में मदद मिलेगी जिससे सरकार ज्यादा खर्च कर सकेगी। वहीं अप्रत्यक्ष कर में कमी से निपटने में भी सरकार को मदद करेगी। क्योंकि सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी की थी जिससे सरकार के खजाने पर असर पड़ा था। पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 2. 67 लाख करोड़ रुपये रहा है जो बीते साल के मुकाबले 52 फीसदी ज्यादा रहा है। तो कॉरपोरेट टैक्स के मुकाबले पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में 45000 करोड़ रुपये ज्यादा रहा है। कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 2. 22 लाख करोड़ रुपये रहा है। ये तब है जब वित्त मंत्रालय ने आयकर रिटर्न भरने की तारीख को 31 जुलाई 2022 के आगे एक्सटेंड नहीं किया है। नौ वर्षों में ये पहला मौका है इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख को एक्सटेंड नहीं किया गया है।