इंडिया नहीं भारत: सरकार देश का नाम बदलने की तैयारी में

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  • संसद सत्र में लाया जा सकता है प्रस्ताव
  • राष्ट्रपति के निमंत्रण पत्र से मिले संकेत

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार अपने देश का नाम बदलने की तैयारी कर रही है। सरकार द्वारा जी—20 सम्मेलन में जो राजधानी दिल्ली में आयोजित होने जा रहा है उसकेे लिए राष्ट्रपति ने जो न्योता भेजा गया है उससे इस बात के संकेत मिले हैं। जिसमें पहली बार प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश की वर्तमान मोदी सरकार देश के संविधान में इस्तेमाल किए गए इंडिया शब्द को हटाना चाहती है जिसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि इंडिया गुलामी का प्रतीक है और मोदी सरकार लंबे समय से गुलामी की मानसिकता से देश और देशवासियों को मुक्त करने की बात करती आई है। अब संविधान से इंडिया शब्द को हटाने के लिए केंद्र सरकार 18 सितंबर से बुलाए गए विशेष संसद सत्र में इसका प्रस्ताव ला सकती है।
खास बात यह है कि विपक्षी दलों ने जब से अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखा है तब से इस इंडिया शब्द को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में वाक युद्ध छिड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी भी इंडिया नाम को लेकर यहां तक कह चुके हैं कि इंडिया नाम लिखने से कुछ नहीं होता इंडियन मुजाहिदीन में भी इंडिया आता है। देश का नाम बदलने के मुद्दे पर अब एक बार फिर राजनीति में उबाल आना तय है। नेताओं ने इस पर बयान बाजियां शुरू कर दी हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर हर्ष जताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार की यह एक स्वागत पहल है और इससे भारत और राष्ट्रीयता की भावना को मजबूती मिलेगी। वहीं विपक्ष के नेताओं का कहना है कि इंडिया भी हमारा है और भारत भी हमारा है कोई हमसे कुछ नहीं छीन पाएगा।

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