उत्तराखंड का गौरव थे बिपिन रावतः धामी
सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
दिल्ली/देहरादून। हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुए सीडीएस बिपिन रावत और उनके सहयोगियों के निधन पर दिल्ली से लेकर दून तक शोक की लहर है। आज लोकसभा व राज्यसभा में रक्षा मंत्री ने अपना बयान जारी किया तथा संसद के दोनों सदनों में शोक संवेदनाएं व्यक्त कर उन्हें मौन श्रद्धांजलि दी गई वहीं उत्तराखंड विधानसभा में भी आज जनरल रावत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर जनप्रतिनिधियों ने शोक संवेदना व्यक्त की। उनके आकस्मिक निधन से पहाड़ स्तब्ध है तथा उनके पैतृक गांव से लेकर विभिन्न स्थानों पर श्रद्धांजलि सभा का सिलसिला जारी है।
उत्तराखंड विधानसभा सत्र के पहले दिन आज पक्ष और विपक्ष के सभी नेताओं ने जनरल बिपिन रावत के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। तथा सदन की कार्रवाई को 1 दिन के लिए स्थगित रखा गया है। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड का गौरव थे उन्होंने कहा कि उनके निधन से उत्तराखंड और देश को अपूर्ण क्षति हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए दिल्ली जाएंगे और परिजनों से भी मिलेंगे।
गढ़वाल विश्वविघालय श्रीनगर में भी आज जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोकसभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। अभी सिर्फ 1 सप्ताह पहले ही बिपिन रावत विश्वविघालय के नौवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। जिसकी यादें छात्रों व विश्वविघालय के स्टाफ के मन में बसी हुई है। इस अवसर पर विश्वविघालय ने 1 दिन के अवकाश की घोषणा की है।
उधर बिपिन रावत के पौड़ी स्थित पैतृक गांव बिरमोरी खाल में उनके निधन से शोक की लहर है यहां उनके चाचा और चाची रहते हैं। उनका कहना है कि 2 साल पहले वह यहां आए थे तथा गांव मेंं घर बनाने की बात कह कर गए थे। कोटद्वार में आज पूर्व सैनिकों और सामाजिक संगठनों द्वारा जनरल रावत को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। टिहरी तथा हल्द्वानी में आज पूर्व सैनिक संगठनों और सामाजिक संगठनों ने उनके चित्र पर फूल माला चढ़ाकर उन्हें भावपूर्ण याद किया तथा कहा कि देश उनकी सेवाओं के लिए उन्हें हमेशा याद रखेगा।