देहरादून। एसटीएफ ने गैंगस्टर यशपाल तोमर व उसके गिरोह पर सर्जिकल स्ट्राइक कर चोरी के वाहन को फर्जी दस्तावेजों से छुड़ाने का मामला पकड़ उसके खिलाफ एक और मुकदमा कर लिया है।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि यशपाल तोमर वर्ष 2002 में अपने तीन—चार साथियों सहित पुलिस मुठभेड़ में हरिद्वार कोतवाली से जेल में चला गया था तथा इनके कब्जे से पुलिस ने कुछ हथियार तथा मारूति गाड़ी पकड़ी थी। उस समय उस मारूति कार पर नम्बर एचआर 12डी—3289 लिखा था गाड़ी को हरिद्वार पुलिस द्वारा कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरू की गयी थी।
बताया कि जेल से जमानत पर आने के बाद यशपाल तोमर के शातिर दिमाग ने एक चाल चली कि हरिद्वार नगर कोतवाली पुलिस द्वारा उससे बरामद कार को फर्जी व्यक्ति और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय हरिद्वार से आदेश प्राप्त कर नगर पुलिस से छुड़ा दिया गया और किसी को कानो कान खबर नहीं हुयी। यशपाल तोमर के पकड़े जाने के बाद एसटीएफ देहरादून द्वारा उसके हर पुराने मामलों की गहनता से जांच कर रही थी तो जांच में आया कि वर्ष 2002 में कोतवाली नगर मे बन्द मारूति कार जिस पर एचपी12डी—3289 नम्बर अंकित किया था। दरअसल रोहतक हरियााणा में एक टीवीएस मोपेड दुपहिया वाहन को यह नम्बर आंवटित किया गया था और इस फर्जी नम्बर से यशपाल तोमर उक्त मारूति कार को उस दौरान चला रहा था। अब इस बरामद मारूति कार के इंजन नम्बर और चेसिस नम्बर से कार के सम्बन्ध में जांच की गयी तो यह कार वर्ष 2001 में सिटी कोतवाली गुड़गॉव से चोरी हुयी थी जिस पर दिनांक 2.9.2001 को सिटी कोतवाली गुडगांव में सन्दीप रैना की तहरीर के आधार पर अज्ञात के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज था और जांच में इस मारूति कार का असली नम्बर एचआर26एल—9645 पाया गया जो कि सोरीलाल पुत्र गोपाल दास निवासी कृष्णा कॉलोनी रोहतक के नाम पंजीकृत हुआ था।
यशपाल तोमर ने इस चोरी के वाहन को छुड़ाने के लिये हरिद्वार न्यायालय में एक फर्जी व्यक्ति मुकेश पुत्र महावीर सिंह निवासी रोहतक खड़ा किया जिसने न्यायालय को बताया कि वह इस कार का वास्तविक स्वामी है और उससे यशपाल तोमर यह वाहन चलाने के लिये ले गया था। इसके लिये मुकेश के द्वारा न्यायालय हरिद्वार में अपना परिचय पत्र और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन प्रस्तुत किया गया। जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा उक्त कार कोे मुकेश कुमार पुत्र महावीर सिंह के नाम रिलीज कर दी गयी थी। जिसे बाद में वह लोग आदेश की कापी दिखाकर नगर कोतवाली से उक्त कार ले गये थे। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि उक्त मामला फर्जीवाड़े का है जिस पर एसटीएफ ने गैंगस्टर यशपाल के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।