उपचुनाव नतीजों के संकेत

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लोकसभा की तीन और विधानसभाओं की सात सीटों के लिए हुए उपचुनावों में भाजपा ने कुल 10 सीटों में से 5 सीटों पर जीत दर्ज कर एक बार फिर स्वयं की श्रेष्ठता को सिद्ध कर दिया है। यह चुनावी नतीजे इसलिए भी भाजपा के लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश की जिन 2 लोकसभा सीटों आजमगढ़ और रामपुर के लिए चुनाव हुए थे वह दोनों अखिलेश यादव और आजम खान के इस्तीफे से खाली हुई थी। सपा का गढ़ माने जाने वाले रामपुर व आजमगढ़ में सपा की यह हार उसके लिए एक बड़ा झटका है। अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में सपा की हार के बाद प्रदेश की राजनीति में सपा को और अधिक मजबूत बनाने के लिए आजमगढ़ की संसदीय सीट से इस्तीफा देकर नेता विपक्ष के रूप में अपनी भूमिका को तवज्जो दिया गया था लंबे समय तक जेल में रहने के बाद बाहर आए आजम खान स्वयं को किए गए उत्पीड़न को मुद्दा बनाकर अपना राजनीतिक वर्चस्व कायम रखना चाहते थे, लेकिन वह इसमें नाकाम साबित हुए हैं। अखिलेश और आजम के गढ़ों पर भाजपा ने अपना भगवा झंडा फहरा कर यह संदेश दे दिया है कि उत्तर प्रदेश में अब सपा की भी दाल गलने वाली नहीं है। अखिलेश और आजम इन दोनों ही सीटों पर अपनी—अपनी पत्नियों को प्रत्याशी बनाना चाहते थे लेकिन शायद उन्हें भी इस बात का पूर्वाभास हो गया था कि परिणाम उनके पक्ष में रहने वाले नहीं हैं इसलिए दूसरे प्रत्याशियों पर दांव लगाया गया था। इस जीत को योगी आदित्यनाथ ने लोकतंत्र की जीत बताया है। जहां तक पंजाब के संगरूर सीट की बात है जो भगवंत मान के इस्तीफे से खाली हुई थी इस सीट पर आम आदमी पार्टी की हार भी उसके लिए बड़ा आघात है। प्रचंड बहुमत के साथ पंजाब की सत्ता पर काबिज हुई आप और भगवंत मान के कामकाज को लेकर जनता का भ्रम महज 3 महीनों में ही टूट चुका है। पंजाब की कानून व्यवस्था जो एक बड़ा मुद्दा है, को लेकर जनता में आप सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी है। उसके मुख्यमंत्री भगवंत मान की सीट को वह नहीं बचा पाई इसके संदेश साफ है कि सत्ता में आना अलग बात है और सत्ता में बने रहना अलग। यही नहीं भाजपा ने त्रिपुरा की 4 विधानसभा सीटों में से 3 सीटें जीतकर तृणमूल कांग्रेस को यह संदेश देने में सफल रही है कि भाजपा हार मानने वाली नहीं है। कांग्रेस ने 7 विधानसभा सीटों में से 2 सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी मौजूदगी बनाए रखी है। लेकिन उत्तर प्रदेश में सपा की हार और भाजपा की जीत 2024 के लिए एक बार फिर बड़ा संकेत अपने पीछे छोड़ गई है। यही बात सीएम योगी ने भी कही है कि यह चुनाव 2024 का बड़ा संकेत है। रामपुर और आजमगढ़ तक की जनता अब आजम खान और अखिलेश से आजिज आ चुकी है उसकी नाराजगी 2024 में किस स्तर तक देखी जाएगी अलग बात है लेकिन उत्तर प्रदेश के राजनीतिक महत्व को देखते हुए भाजपा के लिए यह जीत एक सुखद अहसास जरूर है।

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