दृष्टि पत्र में छिपी है 2024 की सफलता
मुख्यमंत्री का दावा, करेंगे सभी वायदे पूरे
देहरादून। आम तौर पर चुनाव से पूर्व सभी राजनीतिक दलों को आपने चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए फोटो खिंचवाते देखा होगा। यह पहला मर्तबा है कि जब किसी राज्य में चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री के साथ उनके मंत्री पार्टी का घोषणा पत्र हाथ में लेकर फोटो करा रहे हो। बीते कल यह नजारा राजधानी दून में देखने को मिला जो हैरान करने वाला था।
सरकार गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक से पहले मुख्यमंत्री धामी ने अपने मंत्रियों को भाजपा का वह घोषणा पत्र जिसे चुनाव से पूर्व दृष्टि पत्र नाम से जारी किया गया था। इस दृष्टि पत्र मेंं भाजपा द्वारा सैकड़ों छोटी—बड़ी ऐसी घोषणाएं की गई थी जो किसान, मजदूर, महिलाओं, युवाओं, उघमियों के कल्याण से जुड़ी हुई थी। भले ही अब तक इस तरह के चुनावी घोषणा पत्रों या दृष्टि पत्रों का महत्व सिर्फ चुनाव तक ही सीमित रहता रहा हो और चुनाव खत्म होने के बाद उसे रद्दी की टोकरी में फेंक दिया जाता हो लेकिन अब भाजपा इस नीति व रीति को बदलना चाहती है। मुख्यमंत्री धामी का सत्ता में आने के बाद भी अपने मंत्रियों को इस दृष्टि पत्र का महत्व समझाया जाना इसी बात का संकेत है।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पुष्कर सिंह धामी लगातार इस बात को कह भी रहे हैं कि उन्होंने जनता से चुनाव के दौरान जो वायदे किए हैं उन सभी वायदों को पूरा किया जाएगा। दृष्टि पत्र पर पुष्कर सिंह धामी की इस दृष्टि को बेवजह नहीं माना जा सकता है उन्होंने पहले ही दिन अपने मंत्रियों को इस दृष्टि पत्र के जरिए यह साफ कर दिया है कि उन्हें करना क्या है? साथ ही वह जानते हैं कि उन्हें अगर हार के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया गया है तो किसलिए बैठाया गया है। भाजपा का अब अगला लक्ष्य 2024 का आम चुनाव है। भले ही विधानसभा चुनाव में मोदी व शाह ने प्रदेश में भाजपा की नैया को पार लगा दिया हो लेकिन 2024 के चुनाव की जिम्मेदारी अब धामी के कंधों पर है। यह उन्हे बखूबी यह पता है कि 2024 तक अगर वह अपने दृष्टि पत्र में किए गए वायदों को पूरा कर पाते हैं तो फिर भाजपा की राह आसान हो जाएगी इसलिए उनकी दृष्टि पहले ही दिन से दृष्टि पत्र पर जमी है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर वह काम शुरू कर रहे हैं इसका संकेत भी वह दे चुके हैं। किसानों को उन्होंने हर महीने 6000 सम्मान राशि का वायदा किया है राज्य के हर परिवार को साल में तीन रसोई गैस सिलेंडर देने का वायदा किया है। ऐसे सैकड़ों वायदे हैं जो आम आदमी के सीधे लाभ से जुड़े हैं। देखना होगा कि 2024 तक कितने वायदों पर काम शुरू हो पाता है।