जबलपुर । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने एक बयान से लोगों को चौंका दिया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता मंगलवार को आंदोलनकारी युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीखें कि संदेश को प्रभावी ढंग से कैसे पहुंचाया जाए और संगठन के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। दिग्विजय सिंह जबलपुर में कथित नर्सिंग कॉलेज घोटाले और नीट पेपर लीक के खिलाफ युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित धरने को संबोधित कर रहे थे। दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीखें, हालांकि हम उनके कट्टर विरोधी हैं। वे दिमागी खेल खेलते हैं। वे कभी विरोध नहीं करेंगे, कभी प्रदर्शन नहीं करेंगे, कभी पिटाई नहीं करेंगे और कभी जेल नहीं जाएंगे, बल्कि वे हमें जेल भेज देंगे। दिग्विजयसिंह ने कहा कि जमीनी स्तर पर संगठनात्मक नेटवर्क के अभाव में विरोध प्रदर्शन प्रभावी साबित नहीं होगा। उन्होंने बूथ से लेकर जिले तक तीन स्तरों पर आंदोलन करने का सुझाव भी दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ‘आरएसएस आमतौर पर तीन चीजों पर ध्यान देता है। पर्चे बांटना, चर्चा करना और अंत में आंदोलन पर होने वाला खर्च। यदि आप उनसे लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें उनके ही खेल में हराएं, शारीरिक रूप से नहीं बल्कि दिमाग से। दिग्विजय सिंहने ने कहा कि आरएसएस के तौर-तरीकों और दुष्प्रचार को समझकर उसका प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सकता है। बाद में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए, दिग्विजय सिंह ने राज्य चुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी वर्तमान में झटके के पीछे के कारणों का विश्लेषण कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने दावा किया था कि वह लोकसभा चुनाव में 400 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, लेकिन उसे 250 सीटें भी नहीं मिल पाईं और उन्होंने भाजपा के बहुमत के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के समर्थन को जिम्मेदार ठहराया।