एक माह में सरकार को कमेटी सौंपेगी रिपोर्ट
देहरादून। केदारधाम के गर्भगृह में चढ़ाई गई सोने की परत असली है या नकली इस मामले की जांच अब हाई लेवल कमेटी द्वारा की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अति संवेदनशील मामले की जांच के लिए गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। जो एक माह में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। बीते कई दिनों से इस मामले को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बीते कल हालांकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा इस मामले की जांच कराने की बात कही गई थी।
उल्लेखनीय है कि केदार धाम मंदिर में जो सोने की परत चढ़ाई गई थी उसकी शुद्धता को लेकर तीर्थ पुरोहित व पुजारियों ने सवाल उठाए थे तथा इसका रंग बदलने के कारण इसे पीतल का बताया गया था, जिसके बाद मंदिर समिति ने इस पर सोने की पॉलिश कर इस मामले को रफा—दफा करने का काम किया गया था। जिस पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा कहा गया था कि अगर सोना है तो उसकी रंगाई की क्या जरूरत थी। उन्होंने बद्री—केदार समिति को कटघरे में खड़ा करते हुए इसे भगवान के साथ धोखा कहा था। इसके बाद इस मुद्दे पर विपक्ष कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार और उसके नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा गया था कि भाजपा आम आदमी तो क्या भगवान को भी नहीं छोड़ेगी।
इस मुद्दे को लेकर बड़े विवाद को देखते हुए सीएम धामी ने आज इस मामले की जांच के लिए हाई लेवल समिति का गठन कर दिया है जो एक माह में जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। जिससे यह साफ हो सके कि इस मामले में की सच्चाई क्या है? यह सोने की परत पीतल की कैसे हो गई या फिर जो परत चढ़ाई गई है वह सोने की है या पीतल की है अगर सोने की है तो इसकी क्या शुद्धता है? देखना होगा कि क्या इस जांच से यह साफ हो सकेगा कि यह सोना पीतल कैसे हो गया या सोना सोना ही है यह महज एक भ्रम फैलाया गया है।