विकासनगर मेंं अतिक्रमण पर चला बुल्डोजर

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  • जल विघुत निगम की 40 बीघा जमीन खाली करायी
  • 40 सालों से कब्जा किये बैठे थे अतिक्रमणकारी
  • हाईकोर्ट के आदेश पर स्थानीय प्रशासन की कार्यवाही

देहरादून। उत्तराखण्ड में अवैध कब्जो पर बुल्डोजर की कार्यवाही लगातार जारी है। इसी क्रम में आज विकासनगर क्षेत्र में जल विघुत निगम की 40 बीघा जमीन को खाली कराने के लिए प्रशासन द्वारा बुल्डोजर की कार्यवाही कर अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया गया।
जल विघुत निगम की इस जमीन पर 40 सालों से अतिक्रमणकारी कब्जा किये बैठे थे। जिन्होने विकासनगर से शक्ति नहर तक 40 बीघा जमीन पर अवैध रूप से प्लाटिंग कर जहंा आवासीय भवन बना दिये थे वहीं इसमें कुछ धार्मिक स्थलों व पूजा गृहों के निर्माण भी करा दिये गये थे। जल विघुत निगम की ओर से इस अतिक्रमण को हटाने के लिए लम्बे समय से कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही थी। निचली अदालत से फैसला अपने पक्ष में आने के बाद भी लोग यहंा से हटने को तैयार नहीं थे तथा हाईकोर्ट में अपील की गयी थी जिसे सुनवाई के बाद खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने उक्त जमीन से सभी तरह के अतिक्रमण को हटाने के आदेश प्रशासन को दिये थे।
आज सुबह प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में तीन टीमें क्षेत्र में पहुंची और अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इस अतिक्रमण को चिन्हित करने का काम पहले ही किया जा चुका था। उन्होने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन द्वारा सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस भी जारी किये गये थे कि वह यथा शीघ्र खुद ही जमीन को खाली कर दें अन्यथा प्रशासन द्वारा इसे अपने तरीके से खाली कराया जायेगा।
आज जब प्रशासन की टीमें अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची तो लोगो मेे हड़कंप मच गया। हालांकि कुछ लोगों द्वारा पूर्व समय में अपना सामान समेट लिया गया था। लेकिन जो लोग अभी भी वहीं डटे हुए थे उन्होने प्रशासन की कार्यवाही होते देख भवन खाली करने शुरू कर दिये और जो नहंी करना चाहते थे उनका सामान बाहर निकालकर प्रशासन द्वारा बुल्डोजर से निमार्णो को ढहाने की कार्यवाही की गयी। इस कार्यवाही का हालांकि किसी ने कोई विरोध नहंी किया है तथा समाचार लिखे जाने तक अतिक्रमण ध्वस्तिकरण की कार्यवाही जारी थी। क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थल भी है जिनके बारे में प्रशासन का साफ कहना है कि अगर लोग उन्हे खुद हटाना चाहते है तो ख्ुाद हटा ले अन्यथा प्रशासन उन्हे भी हटा देगा। क्योंकि कोर्ट के आदेश सभी तरह के अतिक्रमण हटाने के है। क्योंकि अतिक्रमण एक बड़े क्षेत्र में है इसलिए इसके ध्वस्तिकरण कार्य मेंं कुछ दिन का समय लग सकता है।

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