हजारों यात्री फंसे, यात्रा रोकी गई
गोपेश्वर में कई वाहन मलबे में दबे
हेमकुंड साहिब यात्रा पर भी लगा ब्रेक
देहरादून/चमोली। उत्तराखंड में बारिश का कहर लगातार जारी है। भारी बारिश के कारण राज्य में भूस्खलन की घटनाओं से बड़ी संख्या में सड़कें बाधित हो गई है। बीती रात चमोली में हुई भारी बारिश के बाद बदरीनाथ हाईवे पर हुए भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह से बंद हो गया है तथा दोनों और हजारों वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। वही गोपेश्वर में एक पार्किंग में खड़ी गाड़ियों पर मलबा आने से आधा दर्जन कारे मलबे में दब गई हैं।
जानकारी के अनुसार जोशीमठ से आगे छिनका के पास पहाड़ से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आने से बदरीनाथ हाईवे आज सुबह 4 बजे बंद हो गया। गनीमत यह रही कि इस बड़े भूस्खलन से पूर्व पहाड़ से मलवा आने पर पुलिस द्वारा यातायात को पहले ही रोक दिया गया था अन्यथा इसमें बड़े जान माल का नुकसान हो सकता था। आज सुबह यहां पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर हाईवे पर आ गिरा और करीब 50—60 मीटर सड़क मलबे और बोल्डरो से दब गई। जिसे समाचार लिखे जाने तक नहीं खोला जा सका था तथा प्रशासन द्वारा कल तक मार्ग को खोलने व यातायात सुचारू करने की बात कही जा रही है। भूस्खलन की इस घटना के बाद दोनों ओर वाहनों की लंबी—लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई समाचार लिखे जाने तक पीपलकोटी तक हजारों वाहनों की लंबी लाइनें लगी हुई थी। बदरीनाथ हाईवे पर हुए इस बड़े भूस्खलन के कारण हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ धाम आने जाने वाले हजारों लोग फंसे हुए हैं। दोनों और भारी जाम के कारण बीआरओ की टीम व उपकरणों का घटनास्थल तक पहुंच पाना भी मुश्किल हो रहा है। सड़क पर भारी बोल्डरो को हटाने में मुश्किले आ रही है।
उधर गोपेश्वर में बीती रात भारी बारिश के कारण एक पार्किंग में खड़ी 6—7 गाड़ियां मलबे में दब गई। पहाड़ से आए मलबे में गाड़ियों के दबने की सूचना के बाद भी चार घंटे तक कोई बचाव राहत के लिए नहीं पहुंचा तो वाहन स्वामियों ने गाड़ियों से खुद ही मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया। उधर बागेश्वर से प्राप्त समाचारों के अनुसार यहां भी बीती रात से भारी बारिश होने की खबर तथा एक पुराने मकान के गिरने की बात भी सामने आई है। पिथौरागढ़ से मिली खबर के अनुसार भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से मुंसियारी मार्ग भी बंद हो गया। उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग द्वारा राज्य में भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था तथा 30 जून तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना जताई गई है।