शिमला। हिमाचल प्रदेश में बहुत जल्द एक नई वेंडर पॉलिसी बनने वाली है। इस वेंडर पॉलिसी में संभवत: हिमाचल प्रदेश के मूल निवासियों के अधिकार का ध्यान रखा जाएगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया एक कमेटी का गठन करेंगे। इस कमेटी में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य होंगे। यह कमेटी राज्य में नई वेंडर पॉलिसी बनाने को लेकर सिफारिश करेगी। इसी के बाद राज्य सरकार कमेटी की सिफारिश के आधार पर वेंडर पॉलिसी तैयार करेगी। दरअसल, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके से मस्जिद को लेकर शुरू हुआ विवाद राज्य में नई वेंडर पॉलिसी की जरूरत पर ध्यान दिला रहा है। बाहरी राज्यों से आ रहे लोग बड़ी संख्या में जगह-जगह पर रेहड़ी-फड़ी लगा देते हैं। इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि यहां के व्यापारी भी नुकसान झेल रहे हैं। बाहरी राज्यों से आए हुए लोग ऐसी जगह पर भी अपनी फड़ी लगा देते हैं, जहां नगर निगम की ओर से नो वेंडिंग जोन घोषित किया गया है। ऐसे में अब आने वाले वक्त में इन नियमों का सख्ती से पालन हो, इसके लिए कमेटी राज्य सरकार को सिफारिश करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी जल्द से जल्द एक मजबूत वेंडर पॉलिसी लाने के पक्ष में हैं, ताकि इस विवाद को खत्म किया जा सके। बीते दिनों राज्य सचिवालय में हुई सर्वदलीय बैठक में भी प्रस्ताव पारित कर विधानसभा अध्यक्ष को एक कमेटी गठित करने के लिए अधिकृत किया गया था। अब सभी को इस कमेटी के गठन का इंतजार है।