बच्चों के भविष्य की सुरक्षा जरूरी

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चाइल्ड पोर्नाेग्राफी के बारे में भले ही आम आदमी को ज्यादा कुछ जानकारी न सही लेकिन इस काले कारोबार का जाल कितना फैला हुआ है और इसका नेटवर्क कितना मजबूत है बीते कल सीबीआई द्वारा देश के 14 राज्यों में 77 स्थानों पर की गई छापेमारी इसकी पुष्टि करने के लिए काफी है कि यह समस्या कितनी अधिक गंभीर है। अरबों—खरबों के इस काले कारोबार में अनेक जाने—माने लोग भी शामिल है। अभी बीते दिनों अभिनेत्री शिल्पा शेटृी के पति राज कुंद्रा को पोर्नाेग्राफी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। बीते कल सीबीआई की छापेमारी में 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई है तथा उनके पास से अनेक आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। सीबीआई के प्रवक्ता का कहना है कि सीबीआई को मिले इनपुट के आधार पर 50 से अधिक सोशल मीडिया समूह निगरानी के दायरे में आए थे जिसमें 5 हजार से अधिक लोग बच्चों के यौन उत्पीड़न से जुड़ी अश्लील सामग्री शेयर करते थे। जिसमें पाक, बांग्लादेश, ब्रिटेन तथा कनाडा सहित 100 से अधिक देशों में यह लोग फैले हुए हैं। सीबीआई अब इन देशों की सुरक्षा एजेंसियों से भी संपर्क कर रही है। इससे पूर्व 14 नवंबर को सीबीआई ने बाल दिवस पर कई जगह छापेमारी कर इस अभियान की शुरुआत की थी तथा 83 लोगों को नामजद किया गया था। सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि अब इसमें और भी बहुत सारी गिरफ्तारियां हो सकती है। चाइल्ड पॉर्नाेग्राफी का यह मामला सिर्फ बच्चों के यौन उत्पीड़न तक ही सीमित नहीं है। देश में ऐसे कई सिंडिकेट्स का खुलासा हुआ है जो पोर्न सामग्री को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए प्रचारित व प्रसारित कर इससे भारी कमाई करते हैं। इसके अलावा इनका काम इस तरह की सामग्री का भंडारण करना और ब्लैक मेलिंग के जरिए पैसा कमाना भी रहता है। इन मामलों में बच्चों व लड़कियों की तस्वीर—वीडियो को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से अपलोड करने, तथा उसके जरिए अवैध तौर पर उगाही और डराने—धमकाने का काम भी किया जाता है। आमतौर पर हम यही सुनते—सुनते बड़े हुए हैं कि बच्चे देश व समाज का भविष्य होते हैं वही आने वाले कल के नेता और अभिनेता है। लेकिन 21वीं सदी के भारत में बच्चों के साथ क्या हो रहा है? बाल कुपोषण और बाल मजदूरी की समस्याओं से जूझते जूझते अगर देश के बच्चों को पोर्नोग्राफी की इस खतरनाक स्थिति से दो—चार होना पड़ रहा है तो इससे अधिक चिंतनीय और क्या हो सकता है। पश्चिमी देशों में फैली यह बीमारी अब अगर हमारे देश में भी उस हद तक पैर पसार चुकी है जहां सीबीआई को 14 राज्यों में 77 स्थानों पर छापेमारी करनी पड़े तो स्थिति के विस्फोटक होने की ही पुष्टि करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस काले कारोबार से जुड़े लोगों द्वारा पूरे विश्व में देश की छवि को खराब करने का काम किया जा रहा है। समाज व देश के इन दुश्मनों के खिलाफ सरकारों को कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

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