रामपुर। रामपुर जिले की एक विशेष अदालत ने एक व्यक्ति का घर जबरन खाली कराकर उसे ध्वस्त करवाने के आठ साल पुराने एक मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खां को गुरुवार को 10 साल की कैद और 14 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। इस मामले में आजम खां तथा एक अन्य अभियुक्त ठेकेदार बरकत अली को बुधवार को दोषी करार दिया गया था। उन्हें आज सजा सुनाई गई। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी शिव प्रकाश पांडेय ने बताया कि डूंगरपुर बस्ती के निवासी अबरार ने छह दिसम्बर 2016 को गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आजम खां, सेवानिवृत्त पुलिस क्षेत्राधिकारी आले हसन और ठेकेदार बरकत अली पर घर में घुसकर लूटपाट और मारपीट करने का आरोप लगाया गया था। यह भी इल्जाम था कि जबरन घर खाली करवाकर उसे ध्वस्त करा दिया गया था। पांडेय ने बताया कि इस मामले में विशेष एमपी-एमएलए अदालत (सत्र न्यायालय) के न्यायाधीश डॉक्टर विजय कुमार ने खां तथा एक अन्य अभियुक्त ठेकेदार बरकत अली को बुधवार को दोषी करार दिया था अदालत ने आज आजम खां को 10 साल की कैद और 14 लाख रुपए जुर्माने की सजा और ठेकेदार बरकत अली को सात साल की कैद और छह लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि इस मामले में पूर्व पुलिस अफसर आले हसन भी अभियुक्त था लेकिन उसके खिलाफ सुनवाई पर उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की वजह से उसकी पत्रावली अलग कर दी गई थी।