लखनऊ। मौलाना तौकीर रज़ा को कोर्ट ने 2010 में हुए दंगे का मास्टरमाइंड माना है। बरेली के प्रेमनगर थाना क्षेत्र में 2010 में दंगे हुए थे, जिसमें एफआईआर दर्ज हुई थी। लगातार चल रही सुनवाई के बाद कोर्ट ने तौकीर रजा को मुख्य आरोपी माना है। कोर्ट ने तौकीर रज़ा के खिलाफ समन जारी किया है और उन्हें 11 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर भी तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने एडीजी, आईजी, एसएसपी, कमिश्नर और डीएम के खिलाफ भी टिप्पणी की है। कोर्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आदेश की कॉपी भेजी है। मार्च 2010 में तौकीर रजा के भड़काऊ भाषण के बाद दंगा हुआ था। दंगे के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सैकड़ों दुकानों, पुलिस चौकी, पेट्रोल पंप, सब्जी मंडी को आग के हवाले कर दिया था। वहीं दंगे के दौरान समुदाय विशेष के लोगों ने हिंदुओ के घरों में लूटपाट और आगजनी भी की थी। दरअसल, बरेली शहर को दंगे की आग में झोंकने वाले तौकीर रज़ा का विवादो से पुराना नाता रहा है और हमेशा भड़काऊ बयानों को लेकर वे सुर्खियों में रहते है। दंगे के बाद बरेली शहर में 27 दिन कर्फ्यू लगा रहा था। तत्कालीन बसपा सरकार के वक्त अधिकारियों की लापरवाही के चलते तौकीर रजा को छोड़ना पड़ा था। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने इस मामले में अब तौकीर रजा को मास्टरमाइंड मानते हुए 11 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है। डीजीसी सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि यह पूरा मामला 2010 का है। जस्टिस रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में यह पूरा मामला विचाराधीन है। कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर दंगे के मामले में फ़ाइल को देखने के बाद तौकीर रज़ा को तलब किया है। 11 मार्च को पेश होने को कहा है।