महापंचायत मामले में सरकार को दिये सुरक्षा के कड़े इंतजाम के निर्देश

0
229

याचिकाकर्ता व उससे जुड़े लोगों को टी.वी.डिबेट व आपत्तिजनक नारे लगाने पर रोक

नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय में पुरौला हिन्दू महापंचायत पर रोक संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सरकार को सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने को कहा है। न्यायालय ने याचिकाकर्ता और उससे जुड़े लोगों को टी.वी डिबेट और आपत्तिजनक नारे लगाने पर भी रोक लगा दी है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में आज उत्तरकाशी जिले के पुरौला में हिन्दू महापंचायत को रोकने संबंधी जनहित याचिका को सुना गया। दिल्ली से मामले में ऑनलाइन जुड़ी महिला अधिवक्ता ने आरोप लगाए कि पुलिस और प्रशासन कानून व्यवस्था बनाने में नाकामयाब है। उन्होंने कहा कि सोशियल मीडिया के माध्यम से पोस्टर और बैनर लगाकर धर्म विशेष के लोगों को धमकाया जा रहा है, उन्हें दुकानें छोड़कर भगाया जा रहा है। कहा कि पोस्टर में भाई, बहन, पंडित, बाबा समेत सभी सनातनियों को महापंचायत में हिस्सा लेने को कहा गया है। कहा कि पोस्टर लगाने और महापंचायत बुलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में दोपहर 11ः45 बजे पुरौला में लव जिहाद के बाद बुलाई गई हिन्दू महापंचायत पर रोक संबंधी याचिका पर सुनवाई शुरू हुई। जिसमें ऑनलाइन महिला अधिवक्ता ने अपनी बात रखी। जिसके बाद महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर ने इन बातों को गलत बताया। महाधिवक्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता और अधिवक्ता दिल्ली में बैठे हैं और वहां से सरकार को अस्थिर करना चाहते है। हमारे प्रदेश में एक भी कॉम्युनल राइट्स का मामला अभी तक दर्ज नहीं है और ये लोग इसे बिगाड़ना चाहते हैं। महाधिवक्त ने कहा कि पुरौला नहीं पूरी उत्तरकाशी जिले में सुरक्षा कड़क कर दी गई है और पुरौला में धारा 144 लगा दी गई है। खंडपीठ ने आज मामले में सरकार से सुरक्षा व्यवस्थाओं को और भी चाक चौबंद करने को कहा है, साथ में याची व उनके साथियों से टी.वी.डिबेट और आपत्तिजनक नारों से दूर रहने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होनी तय हुई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here