सतपाल महाराज नहीं दे सके 7 सवालों का जवाब
विपक्ष ही नहीं सत्तापक्ष ने भी अपने मंत्रियों को घेरा
गैरसैंण। भले ही सूबे के मंत्रियों को हर बार इस बात की हिदायते दी जाती हो कि वह सदन की कार्रवाई में पूरी तैयारी के साथ आए लेकिन हर बार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान यही देखा जाता है कि मंत्री विपक्षी नेताओं द्वारा पूछे जाने वाले सवालों का जवाब नहीं दे पाते हैं जिसके कारण सदन में उनके ज्ञान पर खूब ठहाके लगाए जाते हैं और सरकार कैसे काम कर रही है? इसे लेकर सरकार की खूब किरकिरी होती है।
सूबे के वरिष्ठ काबीना मंत्री सतपाल महाराज जो वर्तमान में पर्यटन, पीडब्ल्यूडी और धर्मस्व जैसे तीन महत्वपूर्ण विभाग देख रहे हैं, आज विपक्ष के तीखे सवालों के सामने पस्त दिखे। कांग्रेसी विधायकों द्वारा आज उनसे विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान राज्य में सड़कों की स्थिति और पर्यटन से जुड़े कई ऐसे सवाल पूछे गए कि वह किसी एक सवाल का भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उनसे जब राज्य की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की तारीख के बारे में पूछा गया तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। राज्य की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बातें करने वाले मंत्री भला कैसे बता पाते की सड़के कब तक गड्ढा मुक्त हो जाएगी? निगम कर्मचारियों के नियमितीकरण में देरी के सवाल पर मंत्री जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि कुछ को नियमित किया जा चुका है और मामला कोर्ट में है इसलिए विलंब हो रहा है। पूरी कार्रवाई के दौरान सात मौके ऐसे आए जब महाराज को यह कहना पड़ा कि इसकी जानकारी लेकर वह बाद में जवाब देंगे और तो और भाजपा के विधायकों ने भी मंत्रियों से कई सवाल किए जिनका वह जवाब नहीं दे सके। आज सिंचाई और वन मंत्रालय तथा शिक्षा से जुड़े तमाम सवाल कांग्रेसी विधायकों द्वारा पूछे गए जिनका जवाब संबंधित विभागों के मंत्री नहीं दे सके और वह असहज दिखे।