उत्तराखंड की समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति करेगी दिल्ली से कार्य

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समिति का खर्च वहन करेगा गृह विभाग व उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय

देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता की घोषणा को मुख्यमंत्री की घोषणा माना जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी द्वारा स्पष्ट किया गया है कि समान नागरिक संहिता संबंधी मुख्यमंत्री की कोई घोषणा जारी नहीं की गयी है। गृह विभाग द्वारा उपलब्ध सूचना के अनुसार इस सम्बन्ध में दो शासनादेश 27 मई 2022 तथा 10 जून 2022 गृह विभाग द्वारा जारी किये गये है। इस बाबत मसौैदा तैयार करने हेतु बनायी गयी विशेषज्ञ समिति मुख्य रूप से कैंप कार्यालय दिल्ली से कार्य करेगी तथा इसका खर्च उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय द्वारा वहन किया जायेगा।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से उत्तराखंड में समान नगारिक संहिता पर कार्यवाही के सम्बन्ध में सूचनायें मांगी थी। इसके उत्तर में मुख्यमंत्री कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी/अनुसचिव चिंरजी लाल ने स्पष्ट किया हैै कि मुख्यमंत्री कार्यालय के अभिलेखानुसार “समान नगारिक संहिता“ सम्बन्धी कोई घोषणा जारी नहीं की गयी है। इस सम्बन्ध में गृह विभाग स्तर से कार्यवाही की संभावना के चलते इस सूचना प्रार्थना पत्र को गृह विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया। गृह विभाग के लोक सूचना अधिकारी/अनुसचिव नेेे इस सम्बन्ध में सूचना देने की तिथि तक कार्यवाही का विवरण व सम्बन्धित शासनादेशों की प्रतियां उपलब्ध करायी हैं। उपलब्ध सूचना के अनुसार 4 पूर्व न्यायाधीशों सहित 9 नामों पर विचार के उपरान्त 27 मई 2022 से 5 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।
उपलब्ध शासनादेश से विशेषज्ञ समिति के उत्तरादायित्व कार्यालय व अध्यक्ष व सदस्यों की वेतन भत्ते, मानदेय, सुविधाओं तथा खर्च वहन को स्पष्ट किया गया है। इसमें यह भी स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री द्वारा नामित एक सदस्य सचिव होंगे जो समय—समय पर समिति की बैठके आयोजित कराने एवं शासन से समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे। विशेषज्ञ समिति के प्रमुख कार्य व उत्तरदायित्वों में उत्तराखंड राज्य में निवास करने वाले समस्त नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले प्रसंगिक कानूनों का मसौदा तैयार करना, उत्तराखंड मे प्रचलित कानूनों में संशोधन तथा सुझाव उपलब्ध कराना, विवाह, तलाक सम्पत्ति के अधिकार एवं उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने एवं रखरखाव तथा संरक्षणता के सम्बन्ध में वर्तमान में प्रचलित कानूनों में एकरूपता लाने के लिये मसौदा तैैयार करना तथा उत्तराखंड राज्य में समान नागरिक संहिता के लिए मसौैदा तैयार करना शामिल हैं। समिति का कार्यकाल 6 माह होगा, जो 6 माह के भीतर अपनी आख्या मुख्यमंत्री को प्रस्तुत करेगी। समिति का एक कार्यालय देहरादून तथा एक कार्यालय नई दिल्ली/नोएडा में स्थापित किया जायेगा। अध्यक्षता के कैैम्प कार्यालय में 3 विधि सहायक तथा 6 व्यक्तियों (आशुलिपिक कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं चतुर्थ कर्मी सहित) की नियुक्ति की जायेगी। समिति के कार्यालय हेतु फर्नीचर एवं उपकरणों की व्यवस्था दिल्ली में नोडल अधिकारी अजय मिश्रा द्वारा तथा देेहरादून में राज्य सम्पत्ति अधिकारी द्वारा की जायेगी। शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि कार्यालय/आवास के बिजली एवं पानी आदि के बीजक स्थानिक आयुक्त कार्यालय के माध्यम से उत्तराखंड शासन को उपलब्ध कराने पर भुगतान गृह विभाग के बजट से किया जायेगा। विशेषज्ञ समिति के अध्यक्षा के पूर्व मे आवंटित वाहन (मय चालक) एवं ईधन पर व्यय तथा समिति के वेतन/मानदेय/सुविधाओं का भुगतान गृह विभाग द्वारा स्वीकृत पर पुलिस मुख्यालय द्वारा किया जायेगा।

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