July 6, 202412 बोर का तमंचा, कारतूस व कार की आरसी बरामद उधमसिंहनगर। तमंचे की नोक पर कार लूट मामले में पुलिस ने तीन लुटेरो को गिरफ्तार कर लिया है। जिनके कब्जे से कार की आरसी, तमंचा व कारतूस बरामद किया गया है। आरोपियों द्वारा बिहार में जिन्हे कार बेची गयी है उनकी तलाश जारी है।जानकारी के अनुसार बीती 26 जून को जसविन्दर सिह पुत्र महेन्द्र सिह निवासी ग्रीनपार्क रुद्रपुर द्वारा थाने में तहरीर देकर बताया गया था कि 25 जून को उनकी फर्म ओम सांई कार बाजार नैनीताल हाईवे आवास विकास से अबरार अंसारी व वंश मखीजा द्वारा उनसे एक नैक्सांन कार खरीदने के सम्बन्ध में बातचीत की गयी और कार का सौदा 4.7 लाख रुपये में तय हुआ। बताया कि आरोपियों द्वारा उक्त कार को टैस्ट ड्राईव के बहाने उनको साथ लेकर मोदी मैदान की तरफ गये जहां पर आरोपियों द्वारा उनको तमंचा दिखाकर कार लूटकर फरार हो गये। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गयी। आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस टीमों द्वारा जब सीसी कैमरे खंगाले गये तो पता चला कि आरोपी लूटी गयी कार को ललितपुर के रास्ते गोरखपुर होते हुये बिहार के मोतीहारी जनपद ले गये है। जिसके बाद पुलिस ने बीती रात एक सूचना के आधार पर घटना में फरार चल रहे आरोपी अबरार अंसारी पुत्र स्व. निसार अहमद निवासी साम्या लेकसिटी काशीपुर रोड रुदपुर को काशीपुर रोड रुद्रपुर ग्रीन पार्क के पास से गिरफ्तार किया गया। जिसके पास से घटना में प्रयुक्त तमंचा व कारतूस बरामद किया गया। वहीं आरोपी वंश मखीजा पुत्र स्व. प्रमोद मखीजा निवासी विवेकानन्द नगर आवास विकास रुद्रपुर व आरोपी जितेन्द्र उर्फ जतिन पुत्र स्व. विनोद निवासी ग्राम बेरिया दौलत थाना केलाखेड़ा उधमसिंहनगर को केलाखेड़ा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ंने पूछताछ में गाड़ी खरीदने वाले सहआरोपियों के बारे में भी जानकारी दी है। जिसके आधार पर पुलिस अब गाड़ी की बरामदगी हेतु रवाना हो चुकी है।
July 6, 2024गोचर में भूस्खलन की चपेट में आये दो युवकों की मौत घाट व मंदिर डूबे, आवासीय क्षेत्रों को खतरा पहाड़ों पर भारी भूस्खलन, आवाजाही बंद देहरादून। उत्तराखंड में बीते 48 घंटे से जारी भारी बारिश के कारण राज्य की नदियां उफान पर हैं। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण घाट और मंदिर जलमग्न हो चुके हैं तथा आवासीय क्षेत्रों को भारी खतरा पैदा हो गया है। मुनादी कर लोगों से घर खाली कराये जा रहे हैं। उफनती नदियों को देखकर लोगों में भारी दहशत है। वही पहाड़ से आ रहे बोल्डर और मलबे के कारण राज्य की तमाम सड़के बंद हो गई है और आवाजाही ठप हो गई है। गोचर के भूस्खलन की चपेट पर आने से दो बाइक सवार युवको की मौत हो गई है।लगातार हो रही बारिश के कारण अलकनंदा का जलस्तर 1 घंटे में 2 मीटर से अधिक बढ़ गया जिससे रुद्रप्रयाग के घाट और मंदिर जलमग्न हो गए जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है तथा हनुमान मंदिर को खतरे के कारण वहां से समान हटाना शुरू कर दिया है। लोगों के घरों तक पानी पहुंचने से लोगों में दहशत है और वह अपने घरों को छोड़कर जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा लोगों से नदियों से दूर हटने को कहा गया है। अलकनंदा ही नहीं मंदाकिनी और सरयू तथा गोमती नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान तक पहुंच गया है। रुद्रप्रयाग से प्राप्त समाचार के अनुसार विष्णु घाट डूब चुका है।उधर कोटद्वार जहां बीते साल बारिश में मालन नदी का पुल टूट गया था, के बाद हयूम् पाइप पर बनाया गया वैकल्पिक मार्ग भी टूट गया है। भावर क्षेत्र को जोड़ने वाली जीवन रेखा टूट गई है तथा क्षेत्र की 40 हजार आबादी का संपर्क टूट चुका है। यहां अब रसद की आपूर्ति भी ठप हो गई है। अब सिर्फ कर्णाश्रम मार्ग ही विकल्प बचा है। श्रीनगर में भूस्खलन से कृषि भवन भारी नुकसान पहुंचा है। उत्तरकाशी के नौगांव, पुरोला व त्यूणी मार्ग पर मलवा आने से आवाजाही बंद हो गई है। टिहरी—श्रीनगर बदरीनाथ हाईवे भी मलवा आने से बंद है और वाहनों की लंबी—लंबी कतारें लगी हुई है। उधर ऋषिकेश बैराज पर पुलिस ने वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। गोमुख चीड़वासी नाले के तूफान पर आने से कुछ लोग फंस गए थे जिन्हें रेस्क्यू कर निकाला गया है। खराब मौसम के कारण पहाड़ों पर स्कूलों को बंद कर दिया गया है तथा लोगों से अनावश्यक घर से बाहर न जाने की अपील की जा रही है।
July 6, 2024जम्मू। जम्मू कश्मीर में विदेशी आतंकियों के आतंक को समाप्त करने के लिए अब जम्मू कश्मीर पुलिस गांव-गांव में युवा ब्रिगेड तैयार करने जा रही है। इसके लिए 100 गांवों को चिह्नित किया गया है। यहां पर युवाओं को एसपीओ के रूप में भर्ती किया जाएगा। ये एसपीओ सुरक्षा बलों के लिए आंख और कान का काम करेंगे और आतंकियों के खिलाफ जंग भी लड़ेंगे। जम्मू कश्मीर पुलिस ने गांव के युवाओं को एसपीओ के रूप में भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस भर्ती में गांव के युवाओं के लिए शारीरिक रूप से फिट होना सबसे जरूरी होगा। भर्ती के बाद इन एसपीओ को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुंछ में 47 राजोरी और रियासी में 22-22 तथा डोडा में 27 गांवों को चिह्नित किया गया है। यहां एसपीओ नियुक्त किए जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू संभाग में एसपीओ की तैनाती इसी महीने पूरी करने का लक्ष्य है ताकि जल्द से जल्द इन युवाओं को ट्रेनिंग देकर तैनात किया जा सके। पुलिस के सूत्रों के अनुसार, इस समय जम्मू कश्मीर में 135 आतंकियों की मौजूदगी है, जिनमें 110 विदेशी आतंकी हैं। अकेले राजौरी, पुंछ, रियासी और उधमपुर में इनकी संख्या 40 से 50 के बीच हो सकती है। ये आतंकी छोटे-छोटे समूहों में काम कर रहे हैं। इन्हीं सब के खात्मे के लिए नए युवा एसपीओ तैयार किए जा रहे हैं। ये एसपीओ स्थानीय स्तर पर पुलिस के साथ मिलकर आतंकियों का मुकाबला करेंगे। अपने इलाकों में खुफिया जानकारी जुटाने के साथ ये एसपीओ वीडीजी की कार्रवाई का नेतृत्व भी करेंगे। पुलिस इन एसपीओ को स्वचालित हथियार देने की योजना भी बना रही है।
July 6, 2024उधमसिंहनगर। सड़क दुर्घटना में देर रात एक कार के जंगल में पेड़ से टकरा जाने से कार सवार व्यक्ति की मौत हो गयी। सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्यवाही शुरू कर दी है।जानकारी के अनुसार बीती देर रात हल्द्वानी से सुहैल अहमद कार से घर लौट रहे थे। जब वह गड़प्पू के जंगल में पहुंचे उसकी कार पेड़ से टकरा गई। हादसे में सुहैल अहमद उर्फ छोटू गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर 108 एंबुलेंस से सुहैल अहमद को बाजपुर के सरकारी अस्पताल में लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। खबर मिलते ही परिवार के लोग अस्पताल पहुंचे। घटना के बाद से परिजनों का रो—रोकर बुरा हाल है। बता दें कि, सुहैल अहमद किसी कार्य से हल्द्वानी गए हुए थे जो देर रात वापस लौट रहे थे।
July 6, 2024हरिद्वार। मौसम विभाग द्वारा 6 व 7 जुलाई को जनपद में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को देखते हुए जनता से सतर्कता बरतने की अपील करते हुए कहा कि बच्चों, बुजुर्गाे, मवेशियों को नदी नालों के पास न ले जाएं। साथ ही उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को नदी—नालों व बिजली की लाइनों और खंभों से दूर रखने के प्रति सतर्कता बरतने के लिए कहा है।जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने आईआरएस से जुड़े सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने तथा फील्ड कर्मचारियों, अधिकारियों को अपने अपने कार्य क्षेत्र में बने रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होने किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से रोकथाम हेतु अपील की है कि बारिश के अलर्ट को देखते हुए नदियों के किनारे न जाए। उन्होंने कहा कि जनपद में बारिश न होने पर भी पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण नदियों का जल स्तर अचानक बढ़ जाता है, इसलिए नदियों के किनारे जाने से बचें और सावधानी बरतें। उन्होंने नदी—नालों के किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित रहने और अधिक पानी आने की स्थिति में वहां से हट जाने की अपील की। उन्होंने बारिश के दौरान सभी यात्रियों और स्थानीय जनता से अपील की है कि नदी और जलभराव वाले क्षेत्रों में न जायें। अनावश्यक अपने घरों से न निकलें और अपने आप को सुरक्षित रखें।
July 6, 2024बीते कई दिनों से उत्तराखंड में झमाझम बारिश का दौर जारी है राज्य की तमाम प्रमुख नदियां उफान पर हैं नदी, नाले और खालो के किनारे बसी बस्तियों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। वही भारी बरसात के कारण पहाड़ों से मलवा और बड़े—बड़े बोल्डर आने से तमाम प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 200 से भी अधिक सड़कों पर आवागमन ठप हो गया है। राज्य में चल रही चार धाम यात्रा पर तो जैसे पूरी तरह से ब्रेक ही लग चुका है। चारों धामों में अब गिने—चुने ही श्रद्धालु ही पहुंच पा रहे हैं यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि पहले प्री मानसूनी बारिश और अब मानसूनी बारिश के पहले ही दौर ने पहाड़ के जनजीवन को पूरी तरह से अस्त—व्यस्त कर दिया है। गनीमत इस बात की है कि अब तक किसी तरह की जनधन हानी या कोई बादल फटने जैसी बड़ी घटना सामने नहीं आई है। जहां तक राज्य की नदियों के बढ़ते जल स्तर की बात है तो गंगा व जमुना से लेकर सरयू, गोमती और धौली गंगा तथा गौला नदी व अलकनंदा इस समय उफान पर है। अभी अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने से बद्रीनाथ धाम में तृप्त कुंड सहित बड़े क्षेत्र में पानी आने के कारण भवनोें को खाली कराना पड़ा था। अब तक बागेश्वर और चंपावत में सबसे अधिक बारिश रिकार्ड की गई है यहां सरयू और धौली गंगा के प्रभाव क्षेत्र में आबादी प्रभावित हुई है। वही उत्तरकाशी के शिव मंदिर और घाट डूब चुके हैं। ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर बढ़ने से निचले क्षेत्रों को खाली करना पड़ा है। अभी बीते दिनों हरिद्वार की सूखी नदी के जल प्रभाव में 8—10 कारे बह गई थी जिन्हें किसी तरह रेस्क्यू कर बाहर निकला गया। राज्य के तमाम प्रमुख नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर सैकड़ो स्थान पर भूस्खलन जोन बन जाने से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। भले ही बीआरओ और पीडब्लूडी की टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में जेसीबी मशीनों के साथ तैनात किया गया है तथा वह सड़कों को खोलने के काम में जुटी हुई है लेकिन इस लगातार बारिश के दौर में सड़कों को खोलने का काम सबसे बड़ा जोखिम भरा काम है क्योंकि पहाड़ से कब कितना मलवा नीचे आ जाएगा इसका कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। एक स्थान पर सड़कों को साफ किया जाता है तो दो नई जगह मलवा आने से मार्ग बाधित ही बना रहता है। नैनीताल में कुछ भूस्खलन जोन में आवासीय हिस्से भी उसकी जद में आ चुके हैं। यही नहीं नगरीय क्षेत्रों की बात कर तो देहरादून से लेकर हरिद्वार और रामनगर से लेकर कोटद्वार तक तमाम जगह जल भराव और जल जमाव के कारण लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है दरअसल मानसूनी काल में सुरक्षा और सेफ्टी ऑडिट की बातें तो बहुत की जाती है लेकिन अगर कहीं कोई पुल या पुलिया टूट जाती है तो उसे ठीक करने में कई—कई साल का समय लग जाता है। जो सड़के बारिश के तेज बहाव में बह जाती हैं बारिश के चलते उनकी मरम्मत का काम भी संभव नहीं है। यही कारण है कि साल दर साल पहाड़ को मानसून काल में तमाम तरह की दिक्कतें झेलनी ही पड़ती है। जिनका अंत बारिश खत्म होने पर ही होता है।