टाइगर सफारी घोटाले में सीबीआई सख्त, कई अधिकारियों से की पूछताछ पूर्व मंत्री हरक सिंह पर कसा जा सकता है शिकंजा

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देहरादून। बहुचर्चित पाखरो टाइगर सफारी घोटाले की जांच में जुटी सीबीआई अब फुल एक्शन मोड में आ चुकी है। सीबीआई द्वारा बेल पर रिहा हुए तत्कालीन डीएफओ किशन चंद और रेंजर बृज बिहारी से पूछताछ के साथ ही अब फॉरेस्ट चीफ अनूप मलिक से भी लंबी पूछताछ की गई है। जानकारी के अनुसार सीबीआई द्वारा इस मामले में वन विभाग के कई अधिकारियों से उनके घर जाकर तथ्य जुटाए जा रहे है तथा पूछताछ की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि 2019 में कालागढ़ क्षेत्र की पाखरो रेंज में 106 हेक्टेयर वन भूमि पर कार्बेट टाइगर सफारी का निर्माण कार्य बिना शासन की वित्तीय अनुमति के कराया गया था जिसके लिए 6000 से अधिक पेड़ों का कटान किया गया तथा व्यापक स्तर पर निर्माण कार्य में धांधली का मामला सामने आया था। सरकार द्वारा इस प्रकरण की जांच पहले विजिलेंस को सौंपी गई। जिसने किशनचंद और बृज बिहारी शर्मा के खिलाफ प्राथमिक दर्ज कराई थी तथा उन्हें जेल भेज दिया गया था जो जमानत पर बाहर आ गए थे। हाई कोर्ट द्वारा इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के बाद अब इस मामले में तेजी से कार्रवाई होती दिख रही है।
डॉ हरक सिंह जो उसे समय वन मंत्री थे उन पर भी इस घोटाले में शामिल होने के आरोप है। उनके ठिकानों पर बीते दिनों हुई छापेमारी में सरकारी धन से खरीदे गए हैवी जनरेटर पकड़े गए थे। सीबीआई अब इस मामले में वन विभाग के उच्च अधिकारियों से पूछताछ करने में जुटी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने वन विभाग के चीफ अनूप मलिक सहित कई लोगों से पूछताछ की है अगर इस पूछताछ में सीबीआई कड़ियों को जोड़ पाती है तो ऐसी स्थिति में तत्कालीन वन मंत्री डॉ हरक सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है।

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