वीआईपी दर्शन पर यह कैसी रोक?

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  • 20 दिन में यात्रियों की संख्या 14 लाख पार
  • चारों धामों में यात्रियों की भारी भीड़
  • पंजीकरण की समस्या का अभी भी हल नहीं

देहरादून। चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने के लिए भले ही शासन—प्रशासन के स्तर पर कुछ भी प्रयास किये जा रहे हो लेकिन इन प्रयासों का कोई खास असर होता नहीं दिख रहा है। आज भी चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्री रजिस्ट्रेशन को लेकर परेशान हो रहे हैं। यात्रा मार्गों पर जन सुविधाओं के अभाव से यात्रियों को जूझना पड़ रहा है। जगह जगह जाम की समस्या बनी हुई है। चारों धामों में यात्रियों की भारी भीड़ अभी पहुंचना जारी है।
सरकार द्वारा ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए गए थे जिसे फिर शुरू कर दिया गया है। लेकिन हरिद्वार में अभी भी पंजीकरण के लिए यात्री मारे—मारे फिर रहे हैं और उनका जमकर उत्पीड़न किया जा रहा है। पंजीकरण की सुचारु व्यवस्था न होने के कारण यात्रा कारोबारियों में भारी आक्रोश है तथा उन्होंने हड़ताल कर दी है। उनका कहना है कि परेशान होकर लौटने वाले यात्री सरकार की कैसी खराब छवि लेकर लौट रहे हैं इससे भी किसी को कोई सरोकार नहीं है। यात्रियों की भारी भीड़ को अभी तक नियंत्रित नहीं किया जा सका है अभी भी धामों में भारी भीड़ देखी जा रही है तथा दर्शनों के लिए मारामारी मची हुई है। शासन द्वारा पहले 31 मई तक वीआईपी दर्शनों पर रोक लगाई गई थी जिसे अब 10 जून तक बढ़ा दिया गया है लेकिन यह समझ से परे है कि यह कैसी रोक है जब फिल्म स्टार धामों में जाकर दर्शन कर रहे हैं मुख्यमंत्री से लेकर राज्य पाल और राज्य के मंत्रियों तक सभी जब दर्शन कर रहे हैं तो फिर रोक का नाटक क्यों? अभी हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी भी दर्शन करने गई थी यह समझ परे है कि सरकार ने कौन से वीआईपी के दर्शनों पर रोक लगाई है।
अभी यात्रा को शुरू हुए 20 दिन का समय ही हुआ है अब तक सभी चारों धामों में 14 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। सबसे अधिक श्रद्धालु केदार धाम पहुंचे हैं जिनकी संख्या 7.5 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है। बद्रीनाथ धाम में भी 3.20 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं वही यमुनोत्री व गंगोत्री में 2.50 हुआ 2.40 लाख से अधिक लोग दर्शन करने जा चुके हैं अब तक 20 दिन में 70 से अधिक यात्रियों की मौत विभिन्न कारणों के चलते हो चुकी है जबकि 20 से अधिक घोड़े खच्चर भी मर चुके हैं लेकिन इसके बाद भी दावा यही है कि सब कुछ ठीक—ठाक चल रहा है।

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