उत्तराखंड शरणगाह नहींः धामी

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सभी बाहरी लोगों का होगा वेरिफिकेशन
अपराधी व अवैध बसे लोगों पर होगी कार्रवाई

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों एक्शन में है, बाहरी राज्यों से आने वाले सभी लोगों के वेरिफिकेशन के लिए पूरे राज्य में अभियान चलाया जाएगा। उनका कहना है कि उत्तराखंड कोई शरणगाह नहीं है कि कोई भी आए आराम करें या कहीं भी आकर बस जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि उत्तराखंड एक शांत प्रदेश है यहां की धर्म—संस्कृति, अध्यात्म व सामाजिक सुरक्षा अक्षुण बनी रहनी चाहिए। बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति यहां आकर रहने लगे और वह कहां से आया है, उसका क्या इतिहास है कई बार लोग अपराध करके आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को कोई शरणगाह न समझे। अपनी सामाजिक सुरक्षा के लिए हम बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का वेरिफिकेशन कराएंगे। वह कहां से आया क्यों आया और यहां कब से रह रहा है? उसके बारे में पूरी जानकारी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों से ऐसी खबरें आ रही है कि वहां जनसंख्या घनत्व का संतुलन बिगड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे हमारे राज्य की सुरक्षा का मुद्दा अत्यंत ही संवेदनशील है। सरकार का दायित्व है कि वह अपनी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि हमारी सरकार इस मुद्दे पर विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रही है।
राज्य में रहने वाले व आने वाले हर व्यक्ति का वेरिफिकेशन कराया जाएगा। जिससे अपने धर्म व संस्कृति को बनाया रखा जा सके। उन्होंने कहा कि वह पहले भी इस मुद्दे को लेकर अपनी सरकार का नजरिया बता चुके हैं। अवैध रूप से राज्य में रह रहे लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। जिससे राज्य के अपराध पर लगाम लगाई जा सके और राज्य को भ्रष्टाचार मुत्तQ बनाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि हरिद्वार के संतो द्वारा चारधाम यात्रा में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग के बाद सीएम ने यह निर्देश अधिकारियों को दिए गए थे कि वह बाहरी लोगों के वेरिफिकेशन के लिए अभियान चलाए। मुख्यमंत्री के इस निर्णय का प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित तमाम अन्य विधायकों ने भी समर्थन किया है। तथा इसे राज्य हित में अच्छा फैसला बताया है।


कांग्रेस ने फैसले पर उठाए सवाल
देहरादून। मुख्यमंत्री धामी के बाहरी लोगों के वेरीफिकेशन और कार्रवाई के फैसले पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि अगर सरकार अपराधियों की धरपकड़ या उन्हें राज्य में शरण लेने से रोकना चाहती है तो वह अच्छी बात है लेकिन अगर उसकी मंशा किसी जाति या संप्रदाय विशेष को टारगेट करना है तो यह गलत है। इससे सांप्रदायिक सद्भाव की भावना को चोट पहुंचेगी।

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