नई दिल्ली। आध्यात्मिक गुरु श्री-श्री रविशंकर ने 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले “प्राण प्रतिष्ठा” समारोह पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जब तक गर्भगृह यानि आंतरिक पवित्र स्थान पूरा हो जाता है, तब तक अभिषेक वास्तव में आगे बढ़ सकता है। बता दें कि 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कहा जा रहा है कि जब तक मंदिर पूरी तरह तैयार नहीं हो जाता, उसका प्राण प्रतिष्ठा करना उचित नहीं है।
श्री-श्री रविशंकर ने देश से एकता, विश्वास और राजनीतिक विभाजन से परे उत्सव मनाने का आग्रह किया। उन्होंने मुहूर्त पर तर्कों को भी खारिज करते हुए कहा, समारोह का समय उपयुक्त है और ऐसा कोई “मुहूर्त” नहीं है जो 100 प्रतिशत दोषरहित हो। आध्यात्मिक गुरु ने कहा, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। जब तक गर्भगृह (गर्भगृह) पूरा हो गया है और अभी वहां है, मंदिर को पवित्र किया जा सकता है, और प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है। मैं यह कहना चाहूंगा कि यदि आप कोई भी मुहूर्त लीजिए, उसमें कुछ खामियां होंगी। नहीं, मुहूर्त 100 फीसदी परफेक्ट होता है। तो इस लिहाज से मुझे लगता है कि यह मुहूर्त बुरा नहीं है। यह अच्छा है। यह अच्छा है, जब यह हो रहा है, और जब यह हो रहा है तो यह अच्छा है। सही व्यक्ति द्वारा सही तरीका।
मंदिर को लेकर कथित अपूर्णता के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए श्री श्री रविशंकर ने मंदिर निर्माण के पूर्ण होने से पहले देवताओं की पूजा के उद्घारण पेश करते हुए रामेश्वरम में भगवान राम द्वारा शिव लिंग के अभिषेक और केदारनाथ और सोमनाथ जैसे उदाहरणों को पेश किया। उन्होंने बताया कि इन मंदिरों के पूरा होने से पहले अभिषेक अनुष्ठान किए गए थे।