अपनों को सुरक्षित देख परिजनों को मिली राहत

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  • पहली बार सुरंग में फंसे लोगों की तस्वीर आई बाहर
  • सभी विकल्पों पर तेजी से हो रहा है काम
  • उड़ीसा व गुजरात से पहुंची पाइलिंग मशीने

उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के परिजनों और रेस्क्यू टीमों के लिए आज मंगलवार के दिन आई मंगल खबर से सभी को अत्यंत राहत मिली है। इंडो स्कोपी के जरिए पहली बार सुरंग में फंसे श्रमिकों की तस्वीरे आने और नाम तथा चेहरे की पहचान के साथ यह सुनिश्चित होने से की सभी सुरक्षित और स्वस्थ है, राहत की सांस ली है। 6 एमएम पाइप के जरिए इंडो स्कोपी कैमरे में यह तस्वीरें लेने वाली रेस्क्यू टीम और परिजनों से बात भी की गई जिससे उनके सुरक्षित बाहर आने की संभावनाओं को बल मिला है तथा रोते बिलखते परिजनों ने भी संतोष की सांस ली है।
इन श्रमिकों को सुरंग में फंसे आज 10 दिन यानी 240 घंटे का समय बीत चुका है तथा रेस्क्यू कार्य में आ रही रूकावटों के कारण सभी चिंतित और परेशान थे। इससे पूर्व कल 6 एमएम का पाइप ड्रिलिंग कर इन मजदूरों तक पहुंच जाने के बाद उन्हें अब दाल, चावल खिचड़ी के साथ फल, जूस आदि पौष्टिक आहार भी पहुंचना शुरू हो गया है। जो जिंदा रहने के लिए जरूरी था।
उधर पीएमओ द्वारा रेस्क्यू अभियान की कमान संभाले जाने के बाद युद्ध स्तर पर बचाव व राहत कार्य भी जारी है तथा काम में अब अप्रत्याशित रूप से तेजी आई है। सुरंग में फंसे इन मजदूरों की जान बचाने के लिए अब 5—6 विकल्पों पर एक साथ काम किया जा रहा है। सुरंग के उपरी हिस्से में डीलिंग के जरिए इन मजदूरों तक पहुंचने के लिए पहाड़ पर 1.5 किमी लंबा रास्ता तैयार कर लिया गया है जहां बिजली और पानी पहुंचाया जा चुका है। वही बड़कोट की ओर से सुरंग बनाने का काम भी जारी है और 6 मीटर तक सुरंग बनाई जा चुकी है। वर्टिकल ड्रिलिंग के जरिए मजदूर तक पहुंचने के लिए भी प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है।
जानकारी के अनुसार गुजरात के वलसाड और उड़ीसा के हीराकुंड से दो हैवी पाइलिंग मशीने मंगाई गई हैं जो 75—75 टन वजनी बताई जा रही है। यह मशीने जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंच चुकी है जिन्हें अब ट्रकों के जरिए सिलक्यारा सुरंग तक पहुंचाया जा रहा है। उम्मीद है कि आज देर शाम तक यह मशीने कार्यस्थल तक पहुंच जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को निर्देशित किया गया है कि वह इन मशीनों को पहुंचाने के लिए सपोर्ट मुहिया कराये तथा पुलिसिंग की व्यवस्था करें जिससे रास्ते में बिना किसी रूकावट के यह मशीन सिलक्यारा पहुंच सके और जल्द से जल्द ड्रिलिंग का काम शुरू हो सके।
उधर आज एक बार फिर सिलक्यारा की ओर से आगर मशीन के जरिए पाइप ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया गया है अब तक जो पाइप 900 एमएम के ड्रिल किये गये थे अब उनके अंदर से 800 एमएम के स्टील पाइप ड्रिल करने का काम किया जा रहा है अगर यह काम सफलतापूर्वक आगे बढ़ सका तो 2 दिन के अंदर यह पाइप सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंच सकते हैं और इस अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सकता है। आज सुबह बड़कोट की तरफ से खोदी जा रही सुरंग में विस्फोट के समय हुए लूज फाल के कारण काम को थोड़ी देर के लिए रोकना पड़ा था जिसके बाद फिर से शुरू कर दिया गया है। सुरंग में फंसे लोगों और रेस्क्यू में लगी टीमों का आज मनोबल थोड़ी सफलता के बाद जरूर बढ़ा है लेकिन अभी इस मिशन जिंदगी जिस पर देश और दुनिया भर की निगाहें लगी है पूरा होने में कितना समय लगेगा यह कह पाना संभव नहीं है।

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