डेंगू की रोकथाम में सिस्टम फेल

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  • मैदान से पहाड़ तक बढ़ता जा रहा है प्रकोप
  • स्वास्थ्य मंत्री ने किया दून अस्पताल का दौरा

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी दून से लेकर पौड़ी व बागेश्वर तक डेंगू के बढ़ते प्रकोप से लोग परेशान हैं। राजधानी दून डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित है। हर रोज बड़ी संख्या में नए संक्रमित लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। हालत इतने खराब है कि मरीजों को भर्ती करने की जगह नहीं बची है वही उनका इलाज भी ठीक से नहीं हो पा रहा है। लोगों को आसानी से न तो दवाए मिल रही है और न ब्लड मिल पा रहा है। डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम द्वारा जो भी उपाय किए जा रहे हैं उनका जमीन पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। इस बीच आज स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने दून अस्पताल का दौरा किया और हालात की जानकारी ली। सरकारी स्तर पर सब कुछ ठीक है लेकिन जमीन पर कुछ भी ठीक नहीं दिखाई दे रहा है मरीज और उनके तीमारदारों का कहना है कि उन्हें खून की जांच से लेकर दवाओ और प्लेटस लेट्स के लिए इधर-उधर चक्कर काटने पड़ रहे हैं। डेंगू से पीड़ित लोगों के फेफड़ों में पानी आने और उल्टी में ब्लड आने के कारण समस्या और भी गंभीर होती जा रही है। राज्य में अब तक सरकारी आंकड़ों के हिसाब से भले ही 1400 के आसपास मरीजों की संख्या बताई जा रही हो लेकिन यह संख्या इससे कहीं अधिक है। खास बात यह है कि इस बार पहाड़ पर डेंगू का भारी प्रभाव देखा जा रहा है। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा डेंगू की रोकथाम के लिए स्कूलों, घरों और सरकारी कार्यालयों तक विशेष ड्राइव चलाया जा रहा है फागिंग और स्प्रे कराया जा रहा है लेकिन इसका कोई असर लार्वा या डेंगू के मच्छर पर नहीं हो रहा है। लार्वा मिलने पर चालान के जरिए इसका समाधान खोजा जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने आज दून अस्पताल में एक नए जन औषधि केंद्र का भी उद्घाटन किया है जिससे लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सके।

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