देहरादून। संस्कार भारतीयों की सम्पति है। संस्कार उसे कहते हैं जो स्वयं बढे और दुसरे को भी आगे बढाए। संस्कार हमारी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का आधार स्तंभ हैं। अहंकारी लोग अपना ढिंढोरा खुद पीटना पसंद करते हैं। किसी का अहंकार उसकी अपनी महत्ता का बोध होता है। अहंकार से भरा व्यक्ति दूसरों को नीचा दिखाकर खुश होता है। संस्कार से भरा व्यक्ति स्वयं झुककर दूसरों को सम्मान देकर खुश होता है।
यह बाते नेशविलारोड देहरादून में सुधांशु हरिऊँ चड्ढा जी कि पुण्य स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के चौथे दिन ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठालंकृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ने कथा के माध्यम से गौ, गंगा, गौरी रक्षा का सन्देश देते हुए कहें। उन्होंने कहा किहमारा मन वह मन और इंद्रियों से परे, निर्मल, विनाशरहित, निर्विकार, सीमारहित और सुख की राशि है। वेद ऐसा गाते हैं कि वही तू है, (तत्वमसि), जल और जल की लहर की भाँति उसमें और तुझमें कोई भेद नहीं है। ईश्वर न तो दूर है और न अत्यंत दुर्लभ ही है, बोध स्वरूप एकरस अपना आत्मा ही परमेश्वर है, नाम और रूप विभिन्न दिखते हैं।
आचार्य ममगांई कहते हैं, धर्म को जानने वाला दुर्लभ होता है, उसे श्रेष्ठ तरीके से बताने वाला उससे भी दुर्लभ, श्रद्धा से सुनने वाला उससे दुर्लभ और धर्म का आचरण करने वाला सुबुद्धिमान् सबसे दुर्लभ है। भगवान देवमयी बुद्धि शुद्धान्त करण शुद्ध होंने पर ही प्रकट होते हैं।
आज आयोजकों के द्वारा कृष्ण जन्म उपलक्ष में माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर सुनीता चड्ढा, मुख्यमंत्री के ओएसडी राजेश सेठी, बीना चड्ढा, साक्षी चड्ढा, धरना वरुण, धरना परी चड्ढा मोहिनी चड्ढा, कमला चड्ढा, विवेक चड्ढा, बॉबी प्रह्लाद चड्ढा, राजीव चड्ढा, अनी चड्ढा, जमीन साक्षी, सुनीता चड्ढा, गगन चड्ढा, प्रदीप चड्ढा, रेणु चड्ढा, नरेंद्र चड्डा, बबली बहल, देशपाल गुप्ता, विजयलक्ष्मी गुप्ता, सिमरन चड्ढा, शिवम टांगरी, कशिश चड्ढा, चन्द्र मोहन, आनंद, देशपाल गुप्ता, विजय लक्ष्मी, मुकेश गुप्ता, प्रदीप गोयल, पूनम गोयल, जितेंद्र गुप्ता, अमिता गुप्ता आदि भत्तQ गण उपस्थित रहे।