उत्तराखंड को वैलनेस का बड़ा हब बनाने का संकल्प, देवभूमि की तकदीर और तस्वीर बदल सकता है : कोश्यारी

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देहरादून। भगवान शंकर ने जिस योग विद्या को माता पार्वती को बताया और सप्तऋषियों ने इस अमूल्य विद्या को पूरे ब्रह्मांड में फैलाया महऋषि पतंजलि, स्वामी विवेकानंद से होते हुवे धीरेंद्र ब्रह्मचारी, महेश योगी, श्री श्री रविशंकर , स्वामी रामदेव और 2014 के बाद भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतराष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व में फैलाया उसी परम्परा का निर्वहन करते हुवे दून योग पीठ देहरादून के संस्थापक आचार्य डा बिपिन जोशी बहुत सराहनीय कार्य कर रहें हैं।
योग, आर्युवेद, प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से उत्तराखंड को वैलनेस का एक बड़ा हब बनाने का संकल्प देवभूमि की तकदीर और तस्वीर बदल सकता है।
यह उदगार महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड भगत सिंह कोश्यारी ने व्यक्त किए।श्री परशुराम चतुर्वेद विद्यालय के ऋषिकुमारों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण और श्री नंदा शक्ति दल की मातृ शक्तियों के मांगल गायन के साथ मुख्य अतिथि भगत सिंह कोश्यारी, दून योग पीठ के संस्थापक डा0 आचार्य बिपिन जोशी, निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा, राज्य मंत्री भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डा0 जे0 एन0 नोटियाल, पदमश्री माधुरी बड़थ्वाल, पालीटेक्निक के चेयरमैन हर्षमणि व्यास, प्रधानाचार्य नमिता ममगाई आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर योग महोत्सव का शुभारंभ किया।
आचार्य डा. बिपिन जोशी ने कहा उत्तराखंड उत्तर की भूमि है यह दिशा के हिसाब से तो उत्तर में है ही जब भी किसी को स्वयं की तलाश हुई उसके कदम देवभूमि उत्तराखंड की ओर बड़े हैं और हिमालय में तप कर उसने संपूर्ण विश्व को मार्गदर्शन दिया है।
सुनील उनियाल गामा ने दून योग पीठ द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले दून योग महोत्सव को योग के प्रचार प्रसार में मील का पत्थर बताया।राज्य मंत्री भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ जे एन नोटियाल ने योग आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से सही आहार और व्यवहार को सही जीवन जीने की राह बताया।हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा0 विनोद नौटियाल और डा0 रजनी नौटियाल ने योग को सही जीवन जीने की पद्धति का आधार बताते हुवे नियमित रूप से योग करने का आह्वान किया।
इंदौर से पधारी योग गुरु डा0 निशा जोशी ने योग पर और शोध पर जोर देते हुए, योग्य गुरु के मार्गदर्शन में सही प्रकार से योगाभ्यास पर जोर दिया।
बच्चो की योग पर आधारित प्रतियोगिताएं की गई जिसमें बड़ी संख्या में स्कूल कालेजों के बच्चों ने भाग लिया।
भगत सिंह कोश्यारी और इंदौर से पधारी योग गुरु डा. निशा जोशी को योग श्री सम्मान 2024 प्रदान किया गया।इस अवसर पर आयोजित सेमिनार के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व के साधकों ने योग आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से उत्तराखंड को वैलनेस का बड़ा हब बनाने पर बृहद परिचर्चा की गई, जिसमें योग जगत से जुड़े विद्वानों ने महत्वपूर्ण विचार दिए।
कार्यक्रम का संचालन प्रोफ़ेसर डा. विनोद नोटियाल, एवरेस्ट योग संस्थान के निदेशक योगाचार्य संजीव त्यागी और प्रोफ़ेसर डा.रजनी नौटियाल द्वारा किया गया।इस अवसर पर डा0 मयंक पांडे पांडे और डा0 उर्बी पांडे ने निःशुल्क आर्युवेद शिविर भी लगाया आज के आयोजन में योग शिक्षिका योगाचार्य दीपिका खंतवाल, मधु सेमवाल, अंबिका उनियाल, विमला देशवाल, विनय कुमार उपस्थित रहे।

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