यूनिफॉर्म सिविल कोड पर जनता की राय ली जाएगी

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समिति ने जारी की वेबसाइट
सीएम प्रगति की करेंगे समीक्षा

देहरादून। उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर सरकार पूरी तरह संजीदा दिखाई दे रही है। इस दिशा में आज एक और कदम बढ़ाते हुए आम जनता की राय और सुझाव जानने के लिए एक पोर्टल और वेबसाइट लांच किया गया है।
राजभवन में आयोजित आज एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए बनाई गई समिति ने एक पोर्टल तथा वेबसाइट की लॉन्चिंग की। जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता वाली यह समिति इसका ड्राफ्ट तैयार कर रही है। समिति की दो बैठक अब तक दिल्ली में आयोजित हो चुकी हैं तथा आज देर शाम में एक बैठक सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ सचिवालय में आयोजित होने वाली है। जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा अब तक समिति द्वारा किए गए काम की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी सभी नागरिकों के लिए समान कानून की व्यवस्था कोई आसान काम इसलिए नहीं है क्योंकि प्रदेश में सभी धर्म—जातियों के लोग अपने—अपने रीति रिवाज और कानून के हिसाब से मानते आए हैं। मुख्यमंत्री धामी द्वारा चुनाव 2022 के दौरान राज्य के बढ़ते जनसंख्या असंतुलन व धार्मिक क्षेत्रवाद तथा जमीनों को खुर्द—बुर्द करने जैसी समस्याओं के मद्देनजर सूबे में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपनी पहली बैठक में इसका प्रस्ताव लाकर साफ कर दिया था कि यह उनका कोई चुनावी मुद्दा नहीं था बल्कि संकल्प है। उन्होंने इस कानून का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए समिति का गठन भी तुरंत कर दिया गया था। यूनिफॉर्म सिविल कोड कानून का प्रारूप कैसा हो? यह सबसे अहम मुद्दा है। सरकार चाहती है कि इसके ड्राफ्ट पर कोई बवाल न हो इसलिए प्रदेश के सभी लोगों के सुझाव और प्रस्ताव भी लिए जाने चाहिए ताकि इसके ड्राफ्ट में बहुत ज्यादा संशोधनों की जरूरत न रहे। यही कारण है कि अब आम आदमी के मन की बात जानने के लिए समिति द्वारा वेबसाइट लांच कर दी गई है। जिस पर कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव और प्रस्ताव दे सकता है। समिति इस पर विचार करेगी और जरूरी तथा महत्वपूर्ण सुझावों के अनुसार यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट में बदलाव किया जाएगा। जस्टिस रंजना देसाई का कहना है कि समिति का प्रयास है कि वह एक सर्वमान्य ड्राफ्ट तैयार कर पाए। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि 2 माह में इसका ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा और बहुत जल्द यह नया कानून लागू हो जाएगा।

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