मिशन जिंदगीः कामयाबी के करीब

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  • देर रात या सुबह तक पूरा हो सकता है रेस्क्यू ऑपरेशन
  • अब सिर्फ 20 मीटर दूर है सुरंग में फंसे श्रमिक
  • आगर मशीन से ड्रिलिंग का फार्मूला सबसे कामयाब
  • 39 मीटर तक पहुंचे पाइप, काम लगातार जारी
  • सभी पांच विकल्पों पर हो रहा है एक साथ काम

उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की जान बचाने के लिए चलाये जा रहे मिशन जिंदगी को आज 11 दिन होने जा रहे हैं। कल तक इस मिशन को लेकर जो अनिश्चितता के बादल घिरे हुए थे वह अब छटंने लगे हैं। बीते कल इन श्रमिकों तक 6 इंच का पाइप और उससे जरूरी सामान पहुंचने तथा एंडोस्कोपी कैमरा पहुंचने के बाद उन सभी की सलामती की जो तस्वीर बाहर आई थी वह राहत देय थी लेकिन आज 11 दिन बाद सबसे सुखद बात सामने आई। जब पत्रकार वार्ता में यह बताया गया कि सुरंग में बीती रात से आगर मशीन सुरक्षित तरीके से कम कर रही है तथा 800 एमएम की तीन पाइप अब तक और ड्रिल किये जा चुके हैं जो अब 39 मीटर तक पहुंच चुके हैं।
उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्यकारी अधिकारी भास्कर खुल्बे ने पत्रकारों को बताया कि यह एक बड़ी सफलता है अगर इसी तेजी से आगे भी काम होता है और कोई बड़ी अड़चन नहीं आती है तो आज देर रात तक या फिर कल सुबह तक हम अपने मिशन को पूरा करने में कामयाब हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभी हम 39 मीटर तक पहुंचे हैं और अभी 18—20 मीटर की ड्रिलिंग बाकी है लेकिन हम जब तक 50 मीटर तक नहीं पहुंच पाते हैं तब तक पुख्ता तरीके से अपनी बात नहीं कह सकते लेकिन सब कुछ ठीक रहा तो देर रात और सुबह तक हम उस बड़ी खुशखबरी के साथ आपके सामने होंगे जिसका इंतजार बीते 10—11 दिनों से हम सभी को है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारा आगर मशीन से ड्रिलिंग और पाइप पुशिंग का काम कामयाबी की तरफ अग्रसर है लेकिन अन्य सभी विकल्पों पर भी काम जारी है किसी भी काम को रोका नहीं गया है।
पत्रकार वार्ता में मौजूद सचिव डॉ नीरज खैरवाल ने बताया कि जिस 6 इंच के पाइप से हम कल से खाने पीने का सामान भेज रहे थे वह काम अभी जारी है। कल इंडोस्कोपी कैमरे से अंदर फंसे लोगों का हाल—चाल जाना जा सका था आज हमने अंदर माइक्रोफोन और वायर भी पहुंचा दी है जिसके जरिए श्रमिक अपने वीडियो भेज सकते हैं तथा फोन पर बात भी कर रहे हैं। डॉक्टरों की टीम ने उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर बात की है तथा उन्हें दवाई भी भेजी है वहीं कुछ छोटे कपड़े और टूथपेस्ट ब्रश आदि जरूरी सामान भी भेजा है। श्रमिकों का हौसला बुलंद है उनका कहना है हम अंदर का मोर्चा संभाले हुए हैं आप बाहर का काम देखिए। उन्होंने कहा कि उन्हें भी अब यह जानकारी है कि बहुत जल्द वह सभी सुरक्षित बाहर आ सकते हैं इसलिए निराशा जैसी अब कोई बात नहीं है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने यह भी बताया कि होरिजेंटल ड्रिलिंग का काम भी जारी है तथा 70 मीटर तक खुदाई का काम हो चुका है वहीं बड़कोट की तरफ काम के साथ दूसरे सभी विकल्पों पर भी काम हो रहा है। पत्रकार वार्ता में एनएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद तथा एसडीआरएफ के प्रमुख कमांडेंट मणिकांत मिश्रा भी मौजूद थे।

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