कल हो जाएगा फैसला अबकी बार किसकी सरकार

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मतगणना स्थलों पर सिपहसालारों की तैनाती
मुख्यालयों में बनाए गए कंट्रोल रूम
निर्दलीय प्रत्याशियों से संपर्क का काम भी जारी

देहरादून। अबकी बार किसकी सरकार? कल होने वाली मतगणना से इस सवाल का जवाब मिलने जा रहा है। अटकलें, दावे और एग्जिट पोल के नतीजे किसके कितने सही और किसके कितने गलत कल दोपहर तक साफ हो जाएगा।
मतगणना का काम कल सुबह 8 बजे से शुरू होगा। सभी मतगणना स्थलों पर जिला प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां कर ली गई हैं, किसी तरह की गड़बड़ी और अव्यवस्था से निपटने के लिए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव इस बार अत्यंत ही रोमांचक रहा है, इसलिए चुनाव परिणाम को लेकर भी नेता और आम जनता तक में भारी उत्सुकता है।
चुनाव परिणाम आने में अब महज कुछ घंटों का समय ही शेष बचा है लेकिन अपनी—अपनी जीत और पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में सामान उत्साह देखा जा रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि जनता ने भाजपा के काम और मोदी के नाम पर उन्हें आशीर्वाद दिया है। सूबे में दोबारा सरकार बनाकर हम इतिहास रचने वाले हैं। वहीं कांग्रेस नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि जनता अपना फैसला सुना चुकी है। जनता ने परिवर्तन के लिए वोट किया है और राज्य में कांग्रेस पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने जा रही है। हमें जनता पर पूरा भरोसा है।
राज्य की 70 विधानसभा सीटों के लिए 634 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जनता किस पर भरोसा जताती है और किस का भ्रम तोड़ती है कल सुबह शुरू होने वाली मतगणना से इस सवाल का जवाब मिलने वाला है। मुकाबला कड़ा है तथा कांटे का है इसलिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही मतगणना के दौरान भारी चौकसी बरतने के लिए अपने—अपने सिपहसालारों को तैनात कर दिया है। कांग्रेस ने जहां सभी मतगणना केंद्रों के लिए अपने पर्यवेक्षक भेजे गए हैं वहीं भाजपा ने जिला इकाइयों और पोलिंग एजेंटों को यह जिम्मेवारी सौंपी है कि वह मतगणना खत्म होने तक मतगणना की हर गतिविधि पर नजर रखे। भाजपा और कांग्रेस मुख्यालयों में इसके लिए कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। जिन्हें हर मतगणना स्थल की पल—पल की जानकारी रहेगी तथा नजर बनाकर रखी जाएगी। भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही रणनीतिकार क्या और कैसे करना है इसके दिशा निर्देश दे रहे हैं तथा बहुमत से पीछे रहने की स्थिति में क्या करना है? इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों व बसपा प्रत्याशियों से संपर्क साधने का काम भी मतगणना से पहले ही शुरू हो चुका है। इस बार किसकी होली रंगों वाली और किसकी होली बदरंग होने वाली है इसका सभी को बेसब्री से इंतजार है।

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