हेमंत सोरेन ने साबित किया बहुमत, पक्ष में पड़े 45 वोट

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नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 45 विधायकों के वोट के साथ विश्वास मत जीत लिया है। 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में महागठबंधन के पास 45 विधायक हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पास 27, कांग्रेस के पास 17 और राजद के पास 1 विधायक है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को राज्य विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था। झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए एक घंटे का समय आवंटित किया है। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में 45 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। निर्दलीय सदस्य सरयू राय ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायकों ने विश्वास मत हासिल करने का भरोसा जताया है। हेमंत सोरेन ने अपने पूर्ववर्ती चंपई सोरेन के पद से हटने के एक दिन बाद, चार जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष के पास 30 सदस्य हैं। लोकसभा चुनाव के बाद सदन की कुल सदस्य संख्या भी घटकर 76 हो गई है। बहुमत का आंकड़ा घटकर 38 रह गया है। विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। पूर्ववर्ती चंपई सोरेन के पद से हटने के एक दिन बाद 4 जुलाई को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भूमि ‘घोटाले’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद हेमंत सोरेन को 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने से कुछ समय पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 76 विधायक हैं। हेमंत सोरेन ने तीन जुलाई को सरकार बनाने का दावा पेश किया था, जिसके बाद सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने राज्यपाल को विधायकों की समर्थन सूची सौंपी।

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