नई दिल्ली। इन दिनों मानव दूध के कारोबार में काफी तेजी देखने को मिली है। भारत में अभी यह गैरकानूनी है। जो लोग अभी मानव दूध का कारोबार कर रहे हैं। उन्हें इसे तुरंत रोक लेना चाहिए, क्योंकि नियामक ने इसको लेकर सख्त आदेश जारी किया है। फूड रेगुलेटरी एफएसएसएआई ने मां के दूध की बिक्री के खिलाफ फूड बिजनेस ऑपरेटर्स को चेतावनी दी है और लाइसेंसिंग अधिकारियों को मानव दूध के प्रोसेसिंग और बिक्री के लिए मंजूरी जारी नहीं करने का निर्देश दिया है। इन शिकायतों के बीच कि कुछ संस्थाएं मां का दूध खुले बाज़ार में बेच रही हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मानव दूध और उसके उत्पादों पर एक सलाह जारी की है और यह भी कहा है कि उसने ऐसी किसी बिक्री की अनुमति नहीं दी है।
रेगुलेटरी ने 24 मई को दिए अपने सलाह में कहा कि इस कार्यालय को मानव दूध और उसके उत्पादों के बेचने के संबंध में विभिन्न रजिस्टर्ड समितियों से जानकारी प्राप्त हो रही है। इस संबंध में यह ध्यान दिया जा सकता है कि एफएसएसएआई ने एफएसएस अधिनियम 2006 और नियमों के तहत मानव दूध के प्रोसेसिंग और/या बिक्री की अनुमति नहीं दी है और इसके तहत नियम बनाए गए हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को जारी सलाह में निगरानी संस्था ने यह भी सलाह दी है कि मानव दूध और उसके उत्पादों को बेचने से संबंधित ऐसी सभी गतिविधियों को तुरंत रोक दिया जाना चाहिए।
नियामक ने कहा कि इसके किसी भी उल्लंघन के परिणामस्वरूप एफएसएस अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के अनुसार एफबीओ (खाद्य व्यवसाय संचालकों) के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सकती है। इसके अलावा एफएसएसएआई ने राज्य और केंद्रीय लाइसेंसिंग अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मां के दूध/मानव दूध’ के प्रसंस्करण या बिक्री में शामिल ऐसे एफबीओ को कोई लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन नहीं दिया जाए।