शंका और संभावनाओं के चार दिन

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18वीं लोकसभा के गठन के लिए होने वाला चुनाव अब निपट चुका है। कल सुबह 7 बजे से अंतिम चरण की 57 सीटों के लिए मतदान शुरू होगा और शाम 5 बजे तक सभी 542 सीटों के लिए प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा। चुनाव प्रचार समाप्त होते ही जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्याकुमारी में मौन साधना शुरू कर दी है वहीं भाजपा और कांग्रेस के नेताओं द्वारा अपनी—अपनी जीत के आकलन और अनुमान के अनुरूप सत्ता में आने या सरकार गठन की तैयारी भी शुरू कर दी है। इंडिया गठबंधन इस बार सत्ता परिवर्तन की संभावनाओं से खुश नजर आ रहा है और उसके सहयोगी दलों के नेताओं की एक बैठक दिल्ली में होने जा रही है वहीं भाजपा के नेता भी अपने एक नहीं दो—दो प्लान पर एक साथ अमल की तैयारी में जुट गए हैं। भाजपा और उसके सहयोगियों को अगर पूर्ण बहुमत नहीं भी मिल पाता है और भाजपा या एनडीए सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर सामने आता है तो भी वह अपनी सरकार बनाने के लिए अपने प्लान बी पर काम कर रहा है। चर्चा यह भी है कि भाजपा और एनडीए किसी भी सूरत में सत्ता में बने रहना चाहता है और इसके लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार बैठा है। यही नहीं देश की सत्ता और व्यवस्था में होने वाला किसी भी तरह का परिवर्तन इस बार सामान्य नहीं दिख रहा है जैसे वर्तमान चुनाव अब तक सभी चुनावों से अलग तरह का रहा है। सत्ता परिवर्तन भी अलग तरह का हो सकता है। चुनावी नतीजाें के बाद क्या हालात बनेंगे यह तो समय ही बताएगा लेकिन त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में ही नहीं पूर्ण बहुमत की स्थिति में भी बीजेपी इंडिया गठबंधन को सत्ता में आने से रोकने के लिए हर हथकंडा अपना सकती है। कई दल और नेताओं द्वारा पाला बदलने की घटनाओं के बीच इंडिया गठबंधन की सरकार को स्थाई रखने की चुनौती पूरे 5 साल तक बनी रह सकती है। कल मतदान समाप्त होते ही सभी एजेंसियंा अपने एग्जिट पोल के साथ टीवी, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर होगी। भले ही नतीजा 4 जून को आए लेकिन इन एग्जिट पोल के सर्वे से संभावित चुनाव नतीजे की संभावनाए तो साफ हो ही जाएगी? सरकार किसकी बनेगी 4 जून के नतीजे ही बताएंगे लेकिन इसके बावजूद भी इस चुनाव को लेकर दो और तीन जून का 2 दिन का समय अत्यंत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। बंद कमरों की बैठकों में गुप्त मंत्रणाओं को जानना समझना किसी के लिए भी संभव नहीं है लेकिन इन दो दिनों में सत्ता के लिए जो खिचड़ी पकने वाली है वह देश के लोकतंत्र को किधर लेकर जाएगी सब कुछ स्पष्ट होने में अभी 5 दिन का समय लगेगा।

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