पाप का घड़ा जब भर जाता है तो उसका फूटना तय होता है भले ही पाप कर्म करने वाला कितना भी शक्तिशाली और प्रभावशाली क्यों न हो उसके जीवन भर की कमाई इज्जत और शोहरत एक पल में धूल में मिल जाती है। लोकसभा चुनाव के मध्य पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा का परिवार इसका सबसे ताजा उदाहरण है। जिनके पुत्र और पोते के कारनामों की चर्चा पूरे देश और दुनिया में हो रही है। कर्नाटक के सबसे प्रभावशाली इस राजनीतिक परिवार के सेक्स स्कैंडल ने कर्नाटक ही नहीं देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। खास बात यह है कि इस सेक्स स्कैंडल जिसे लेकर संासद प्रज्वल रेवन्ना और उसके पिता के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई उसके कारनामों की जानकारी होने के बाद भी भाजपा ने उसे न सिर्फ टिकट दिया बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद उसके लिए चुनाव प्रचार करने गए। अब जब प्रज्वल की एक पेन ड्राइव से ढाई हजार से अधिक अश्लील वीडियो सामने आ चुके है और उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है वह देश से भाग चुका है। कर्नाटक के इस सेक्स स्कैंडल को निठारी कांड से बड़ा और देश का अब तक का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल बताया जा रहा है। इस पर पीएम और भाजपा को भी जवाब देते हुए नहीं बन रहा है। एनडीए पर अब यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि उसने 400 पार जाने के लिए सब कुछ पता होते हुए भी न सिर्फ प्रज्वल को अपना प्रत्याशी बनाया बल्कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर उसके लिए प्रचार करने और जिताने के लिए भारी दबाव बनाया गया। कर्नाटक की इस पूरी कलंक कथा का जब भांडा फूट गया है तो इस कांड के अश्लील वीडियो वायरल करने के लिए कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। लेकिन इसका भांडा कैसे फूटा इसका रेवन्ना का वह ड्राइवर अब सबको बता रहा है उसने ही भाजपा के एक नेता को वह पेन ड्राइव दी थी और इसके पीछे देवगौड़ा परिवार द्वारा उसकी जमीन हड़प लेने व मारपीट किया जाना था। जिसका केस अदालत में चल रहा है वर्तमान लोकसभा चुनाव शुरू होने से लेकर अब तक हर रोज कोई न कोई ऐसा मामला सामने आ रहा है जो एनडीए व भाजपा पर भारी पड़ता जा रहा है। कर्नाटक की यह कलंक कथा भले ही दो चरणों के मतदान संपन्न होने के बाद सामने आई हो लेकिन अभी भी पांच चरणों का चुनाव बाकी है। तथा अभी आधी से अधिक सीटों पर चुनाव होना बाकी है जिसमें उत्तर प्रदेश की 50 से अधिक सीटें भी शामिल है। अब भले ही सत्ता समर्थक मीडिया व भाजपा के नेताओं द्वारा इसे लेकर ढकने ढकाने की लाख कोशिश की जाए लेकिन चुनाव पर इसका प्रभाव पढ़ने से नहीं रोका जा सकता है। इस बड़े सेक्स स्कैंडल के सामने आने के बाद जहां कर्नाटक में भारी विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है वहीं अन्य उन तमाम राज्यों जहां अभी भी चुनाव होने हैं तमाम राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता अब सड़कों पर उतर चुके हैं। यही नहीं इसे लेकर खुद भाजपा के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। जो कार्यकर्ता दिन—रात पार्टी के काम करने वाले हैं उनकी अनदेखी कर रेवन्ना जैसे लोगों को विरोध के बावजूद भी टिकट दिए जाने से यह कार्यकर्ता नाराज है। जिसका असर भाजपा और एनडीए पर पड़ना तय है। पहले चरण के मतदान के बाद वैसे ही भाजपा को कोई सकारात्मक रुझान नहीं मिल रहे थे। अब यह एक और बड़ी समस्या उनके सामने खड़ी हो गई है। महिला रेसलर यौन उत्पीड़न के आरोपी को टिकट देने से बच रही भाजपा अब प्रज्वल सेक्स स्कैंडल की लपटों से घिर गई है। देखना होगा कि क्या वह इसका कोई तोड़ ढूंढ पाती है या नहीं।