उत्तराखंड में जिस तरह से एक के बाद एक लव जिहाद के मामले प्रकाश में आ रहे हैं वह वाकई चिंताजनक है। इन मामलों को देखकर ऐसा लगता है कि भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान द्वारा जिस तरह की आशंकाएं जताई गई थी कि यह एक अंडरकवर सुनियोजित षड्यंत्र है और इसे किसी न किसी का संरक्षण प्राप्त है तथा फंडिंग की जा रही है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इसका पता लगाने की बात भी कही थी। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि जब इस तरह के मामलों को लेकर पहाड़ के लोगों का गुस्सा अपने चरम पर है तथा विरोध प्रदर्शन जारी है और पुलिस द्वारा भी ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है फिर भी लव जिहादियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि वह लगातार इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने में लगे हुए हैं। 15 दिन पूर्व पुरोला में जो स्कूली छात्रा को भगाकर ले जाने का मामला सामने आया था उसे लेकर पूरे उत्तरकाशी जनपद में आंदोलन जारी है बीते कल भी भटवाड़ी में इसे लेकर बंद और प्रदर्शन हुए इस जनांदोलन के बीच ही चकराता की घटना सामने आई और इसी दौरान चमोली जनपद के गोचर में एक नया मामला सामने आ गया। उत्तरकाशी और चमोली की इन घटनाओं को लेकर लोग सड़कों पर है कि अब उत्तरकाशी की मोरी तहसील में एक और नया मामला सामने आ गया है जिसमें मुजफ्फरनगर के मुस्लिम युवक को गिरफ्तार किया गया जो नेपाली मूल की दो नाबालिग लड़कियों को मुंबई में काम दिलाने का झांसा देकर अपने साथ ले जाने की कोशिश कर रहा था। बुधवार की रात इसके द्वारा इन लड़कियों को त्यूणीं बुला लिया गया और एक होटल में कमरा बुक कराया गया लेकिन संदेह होने पर उसे दबोच लिया गया। उत्तराखंड की शांत वादियों में इस तरह की जो घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं उन्हें लेकर आम नागरिकों का गुस्सा स्वाभाविक ही है। खास बात यह है कि इस तरह की जितनी भी घटनाएं हो रही है उनमें सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोगों की संलिप्तता सामने आ रही है जिसे लेकर क्षेत्रवासी अब किसी भी कीमत पर राज्य से बाहर के मुस्लिमों को कतई भी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है उनकी मांग है कि अवैध तरीके से राज्य में रह रहे सभी लोगों को तत्काल प्रभाव से राज्य से बाहर हटाया जाए। पुरोला में कुछ व्यवसाई पलायन कर चले भी गए और जो बाकी बचे हैं वह अब प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि जो गलत काम कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए लेकिन जो सही है उन्हें परेशान न किया जाए उनका कहना है कि सभी मुसलमान गलत नहीं है। भले ही उनकी यह बात सही और सच हो लेकिन यह फैसला कोई आसान नहीं है कि कौन गलत है और कौन सही है। उत्तरकाशी में मुस्लिम समुदाय की दुकानों पर लगे ताले अभी तक नहीं खुल सके हैं क्योंकि स्थानीय लोग अब इन बाहरी मुस्लिमों को कतई भी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। क्षेत्रवासियों की इस मांग को गलत इसलिए भी नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि यह समाज और परिवार की सुरक्षा से जुड़ा हुआ एक अहम मुद्दा है। है इस लव जिहाद को संरक्षण देने वाले चेहरों की पहचान जरूरी हो गई है वहीं इन्हें फंडिंग कहां से हो रही है इसका पता भी लगना ही चाहिए। इन लोगों में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनकी कमाई का कोई खास और ठोस जरिया भी नहीं है और उनका व्यवसाय नाम मात्र के लिए चल रहा है। इस समस्या का समाधान तभी संभव होगा जब इनके सरगनाओं तक पुलिस के हाथ पहुंचेंगे अन्यथा इस तरह की घटनाएं होती ही रहेगी।