कांग्रेस को एससी—एसटी मतदाताओं का सहारा तो भाजपा सहानुभूति लहर पर सवार

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  • बागेश्वर में कांग्रेस व भाजपा ने झौंकी पूरी ताकत

बागेश्वर। 5 सितंबर को होने वाले बागेश्वर विधानसभा सीट के उपचुनाव का प्रचार अभियान अब अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है। कांग्रेस और भाजपा के बीच होने वाले इस चुनावी मुकाबले में दोनों ही दलों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है।
कांग्रेस को भरोसा है कि इस एससी एसटी बाहुल्य सीट पर कांग्रेस ने बसंत कुमार को चुनाव मैदान में उतारकर यह मान लिया है कि उसकी जीत सुनिश्चित है। इस सीट पर कुल 1 लाख 18 हजार के करीब मतदाता हैं जिसका 34 फीसदी एससी एसटी वर्ग के लोग हैं। इन्हीं मतदाताओं के बूते पर मुख्य चुनाव में बसंत ने आप पार्टी से चुनाव लड़ते हुए 18 हजार वोट प्राप्त किए थे। कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार भी उनका 80 फीसदी वोट वसंत को ही मिलेगा। वहीं कांग्रेस को मुख्य चुनाव में मिले 20 हजार से अधिक वोट अगर उनके खाते में जोड़ दिए जाए तो कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो जाती है। आज यहां चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सबका साथ सबका विकास की बात करती है मगर वह अब सबका विश्वास खो चुकी है और सब उसका साथ छोड़ चुके हैं।
वहीं भाजपा को उम्मीद है कि वह सहानुभूति लहर पर सवार होकर इस चुनाव में आसानी से जीत हासिल कर लेगी। पूर्व मंत्री स्व. रामदास की पत्नी पार्वती को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा ने पहले ही यह तय कर लिया था। पार्वती भी जनता के सामने अपने पति के अधूरे छोड़ें कामों को पूरा करने का भरोसा दिलाकर स्वयं को वोट देने की अपील कर रही है। देखना होगा की जनता चंदन रामदास के बाद उन्हें कितनी तवज्जो देती है या फिर कांग्रेस प्रत्याशी को एससी—एसटी मतदाताओं का कितना साथ मिलता है। लेकिन भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दल इस चुनाव में पूरी ताकत व शिद्दत के साथ चुनाव मैदान में है। और शीघ्र नेताओं की उपचुनाव में उपस्थिति इसे रोचक बनाए हुए हैं।

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