अब दिवालिया नहीं होगी कॉफी डे !

0
435


नई दिल्ली। कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड (सीसीडी) और उसे लोन देने वाले इंडसइंड बैंक के बीच समझौता हो गया है। इस समझौता के बाद राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण ने कंपनी के खिलाफ दिवाला आदेश को रद्द कर दिया है। इसके पहले शनिवार को कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड और इंडसइंड बैंक के वकीलों ने बुधवार को एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ को समझौते के बारे में जानकारू देकर और दिवालिया प्रक्रिया के तहत चलने वाले मुकदमे को वापस लेने की अनुमति मांगी थी। जबकि 20 जुलाई को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण की बेंगलुरु बेंच ने कॉफी डे ग्लोबल के इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया को मंजूरी दी थी। उसने इंडसइंड बैंक की उस याचिका के आधार पर ऐसा किया था। जिसमें बैंक ने कहा था कि कॉफी डे ग्लोबल ने 94 करोड़ रुपये के लोन पर डिफॉल्ट किया है।
न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल और श्रीशा मेरला की दो सदस्यीय पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलों के आधार पर सीडीजीएल को दिवालिया घोषित करने के आदेश को रद्द कर दिया। इससे पहले 11 अगस्त को एनसीएलएटी ने एक अंतरिम आदेश के जरिये सीडीजीएल के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के निर्देश पर रोक लगा दी थी। कॉफी डे ग्लोबल इंडिया में कैफे कॉफी डे के नाम से कॉफी आउटलेट की चेन चलाती है। यह ध्यान में रखने वाली बात है कि इनसॉल्वेंसी पर रोक का यह आदेश सिर्फ अंतरिम है।
इसके पहले 20 जुलाई को एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने कंपनी को लोने देने वाले इंडसइंड बैंक द्वारा 94 करोड़ रुपये के बकाया का दावा करने वाली याचिका पर दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश पारित किया था। जिसके खिलाफ सीडीजीएल के निदेशक और दिवंगत वी जी सिद्धार्थ की पत्नी मालविका हेगड़े ने अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष चुनौती दी थी। मूल कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सीडीजीएल के पास 154 शहरों में 469 कैफे और 268 सीसीडी वैल्यू एक्सप्रेस कियोस्क हैं। इसकी 48,788 वेंडिंग मशीनें हैं, जो ब्रांड के तहत कॉरपोरेट स्थलों और होटलों में कॉफी वितरित करती हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here