- यात्री सुविधाएं बढ़ाने व व्यवस्थाओं में होगा बदलाव
- आफलाइन रजि. पर सीमा प्रतिबन्ध समाप्त
देहरादून। चारधाम यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं के बढ़ते रूझान को देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार अब चारधाम यात्रा की ब्रांडिग पर विचार मंथन कर रही है। चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए नया रोड मैप बनाया जा रहा है। श्रद्धालुओं को बेहतर जन सुविधाएं और सुगम तथा सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए क्या—क्या किया जा सकता है? इस पर विचार किया जा रहा है।
मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी का आधार है। प्रदेश वासियों को चारधाम यात्रा से अच्छी कमाई के अवसर मिलते है। लगातार चारधाम यात्रा का आर्कषण बढ़ रहा है। सरकार की सोच है कि चारधाम यात्रा की ब्रांडिग की जाये। इससे और अधिक आय हो सकती है। उनका कहना है कि यात्रियों के भारी दबाव को कैसे कम किया जा सकता है इसके लिए यात्रा के अन्य वैकल्पिक मार्गो का निमार्ण या फिर सड़कों के चौड़ीकरण तथा यात्रा पड़ावों व प्रवेश स्थलों में बदलाव के जरिए क्या कुछ हो सकता है इसके लिए वह सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से वार्ता करेगें। उन्होने कहा कि कोटद्वार से यात्रा की शुरूआत करने पर विचार किया जा रहा है। हरिद्वार से यात्रा को शुरू करने से ऋषिकेश में जाम की समस्या पैदा होती है तथ राफ्टिंग कारोबार प्रभावित होता है। गंगोत्री, यमुनोत्री व केदारधाम के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार करने व बद्रीनाथ हाइवे के चौड़ीकरण पर भी विचार किया जा रहा है।
उधर हरिद्वार में आफ लाइन रजिस्टे्रशन पर लगा सीमा प्रतिबंध आज समाप्त कर दिया गया है। अब सभी यात्री बेरोक टोक रजि. करा सकेंगे। यात्रा शुरू होने के साथ ही यहंा उमड़ी भीड़ के कारण व्यवस्थाए चरमरा गयी थी। जिसके बाद प्रतिदिन प्रतिधाम के लिए यात्रियों के रजि. की सीमा तय की गयी थी। जो पहले 500 थी जिसे बाद में बढ़ाकर 1500 और फिर 4000 हर दिन हर धाम के लिए कर दिया गया था। लेकिन अब एक माह बीतने के बाद यात्रियों का दबाव कम हो गया है और स्थिति सामान्य हो चली है। इसलिए रजि. सीमा प्रतिबंध को अब समाप्त कर दिया गया है।