यात्रा पर अव्यवस्थाये हावी, श्रद्धालुओं में रोष

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  • शासन—प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन
  • बिना दर्शन किए ही वापस लौटने पर विवश
  • जन सुविधायें शून्य, कोई देखने वाला नहीं

उत्तरकाशी/रुद्रप्रयाग/चमोली। चार धाम यात्रा शुरू होते ही यात्रा व्यवस्थाएं ध्वस्त होने से श्रद्धालुओं को तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिसे लेकर चार धाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं में भारी नाराजगी है। जिसे लेकर यात्रियों ने उत्तरकाशी व रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की है। खास बात यह है कि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी संख्या में बिना दर्शन किए ही वापस लौटना पड़ रहा है।
असल में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के दिन से ही यहां भारी अव्यवस्थाएं देखी जा रही है। भारी संख्या में श्रद्धालुओं के धाम में जाने से पैदल मार्गों पर जाम की जो स्थितियां पैदा हुई है वह अभी तक सामान्य नहीं हो सकी है। जगह—जगह यात्रियों को रोके जाने से यात्री परेशान हैं। उन्हें कोई यह भी बताने वाला नहीं है कि उन्हें कब तक रुकना पड़ेगा। जो पुलिस कर्मी ड्यूटी पर तैनात हैं उनका भी हाल यह है कि वह इन यात्रियों से यहां तक कह देते हैं कि आए ही क्यों थे? यात्रा मार्ग पर इन यात्रियों के विश्राम के लिए न टीन शेड है न पेयजल और शौचालियों की समुचित व्यवस्था है। हार थक कर यह यात्री बिना दर्शन के ही वापस लौटने पर विवश है।
असल में इन तमाम अव्यवस्थाओं के पीछे धामों में उमड़ने वाली भीड़ ही समस्या की असल वजह है। हर एक धाम में एक दिन में एक निश्चित संख्या में ही श्रद्धालुओं को भेजने की एक पुख्ता व्यवस्था सरकार द्वारा की गई होती तो इस हालात से बचा जा सकता था। दूसरे राज्यों से अपने निजी वाहनों से बिना पंजीकरण कराये ही बड़ी संख्या में लोग धामों तक पहुंच रहे हैं। अगर जांच में उन्हें कहीं रोक भी दिया जाए तो हंगामा खड़ा हो जाता है। पंजीकरण न ऑनलाइन आसान है न ऑफलाइन आसानी से हो पा रहा है। भारी संख्या में लोग पंजीकरण के लिए भटक रहे हैं और परेशान होकर वापस जा रहे हैं। तीर्थ पुरोहित, पंडा पुजारी चाहते हैं कि जितनी ज्यादा भीड़ आएगी उतना अच्छा है क्योंकि उनकी कमाई भी उतनी अधिक होगी। सरकार अगर रोक लगाती है तो फिर वह भी आंदोलन पर उतर आते हैं लेकिन मुसीबत यात्रियों को झेलनी पड़ रही है।
उधर हालात का जायजा लेने पर्यटन मंत्री भी बद्रीनाथ धाम व केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं लेकिन अब तक की तमाम बैठकों व कवायतों से कुछ हल नहीं हुआ तो वहां जाकर भी क्या होना है। ऊपर से मौसम भी खराब है। 25 मई से हेमकुंड साहिब की यात्रा भी शुरू हो रही है लेकिन यहां भारी बर्फबारी हो रही है गनीमत है कि गंगोत्री यमुनोत्री में अभी बारिश नहीं है अगर हुई तो यात्रियों का क्या हाल होगा यात्रा व्यवस्थाओं को अब कैसे दुरुस्त किया जाए समझ से परे हो गया है

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