चमोली। नमांमि गंगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट फैलने से हुए दर्दनाक हादसे में पुलिस ने बडी कार्रवाई की है। पुलिस ने विघुत उपकरणों की देखरेख में कमी व घोर लापरवाही बरतने के आरोप में लाइनमैन, सुपरवाइजर व जल संस्थान के सहायक अभियन्ता को गिरफ्तार कर लिया है। इस हादसे में 4 पुलिसकर्मियों सहित 16 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 11 घायल हुए हैं।
बता दें कि 18 जुलाई की रात नमामि गंगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लंाट पुराना बाजार चमोली में ड्यूटीरत आपरेटर गणेश का शव पाया गया था। सूचना पर पुलिस उप निरीक्षक प्रदीप रावत सहित अन्य पुलिस कर्मी व होमगार्ड मौके पर पहुंचे। मामले में कंरट लगना प्रतीत होने पर उन्होने विघुत विभाग से जानकारी मांगी। जिसके बाद वहंा से विघुत सप्लाई न होने की पुष्टि होने पर ही उन्होने प्लांट में प्रवेश किया। इस दौरान वहंा भारी भीड़ जमा हो गयी। बताया जा रहा है कि इसी दौरान निजमुला—कोठियालसैणं विघुत लाइन में हुए एक फाल्ट ठीक करने के बाद लाइनमैन महेन्द्र सिंह द्वारा नमामि गंगे सीवरेज प्लांट में एक व्यक्ति के मृत होने की सूचना के बावजूद शट डाउन वापस ले लिया गया। जिससे उक्त सीवरेज प्लांट में कंरट फैल गया और 16 लोगों की मौत हो गयी तथा कई घायल हुए।
मामले में हल्का पटवारी नीरज स्वरूप द्वारा कोतवाली चमोली में आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसकी विवेचना में पुलिस जुटी थी। पुलिस ने विघुत विभाग, जल संस्थान के अधिकारियों से पूछताछ और घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद इस बात की पुष्टि की कि एसटीपी के संचालन में घोर लापरवाही बरती गई है। जांच में सामने आया कि एसटीपी प्लांट को चलाने वाली ज्वांइट वेंचर कम्पनी 1—जेबीएम व 2—कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग इण्डिया प्राईवेट लिमिलेट ने पवन चमोला को सुपरवाइजर नियुक्त किया था। जांच में यह बात भी सामने आई कि जल संस्थान के प्रभारी सहायक अभियन्ता हरदेव लाल आर्य और ज्वाइंट वेंचर कम्पनी के स्वामियों एवं अधिकारियों ने खतरनाक विघुत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही बरती गयी।
यही नहीं कंपनी के अधिकारियों और जलसंस्थान के सहायक अभियंता ने सुरक्षा मानकों के विपरीत चेंज ओवर को बॉक्स के ऊपर रखा था। इसी प्रकार सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को टीनश्ौड एवं विघुत सुचालक लौह धातु से बनी संरचना में इस प्रकार चलाया जा रहा था जिससे कि 19 जुलाई को करंट लीक होने पर यह कंरट पूरे प्लांट में फैल गया। इस तरह जघन्य अपराध मानव वध की घटना घटित हुई।
विवेचना में एसटीपी प्लांट के संचालन एवं सुपुर्दगी के अनुबंध में गंभीर अनियमितताएं पायी गई हैं और पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए घटना में संलिप्त 3 आरोपियों को बीती शाम कड़ी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। घटना में संलिप्त ज्वांइट वेंचर के स्वामी एवं प्रोजेक्ट मैंनेजर एवं अन्य संलिप्त व्यत्तिQयों के संबंध में विवेचना प्रचलित है साक्ष्य संकलन जारी है। गिरफ्तार हुए लोगों में पवन चमोला (सुपरवाईजर ज्वांइट वेंचर कम्पनी), महेन्द्र सिंह जयपाल (लाईनमैन उत्तराखण्ड विघुत विभाग) व हरदेव लाल आर्य (प्रभारी सहायक अभियन्ता उत्तराखण्ड जल संस्थान) शामिल है।