लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न
संकट में लोगों व मवेशियों की जान
मुख्य बाजार में 5—6 फिट पानी भरा
हरिद्वार। भले ही बीते एक सप्ताह से राज्य में हो रही भारी बारिश का असर पहाड़ पर कम दिखाई दे रहा हो लेकिन इस आफत की बारिश ने हरिद्वार जनपद में जो भारी तबाही मचाई है वह दिल दहला देने वाली है। सैकड़ों गांव और लाखों हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो गई है। लोगों की फसलें खत्म हो गई है तथा घरों और दुकानों में पानी भरा है जो लोगों की जान के लिए संकट बना हुआ है। वही लोगों व मवेशियों की सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।
पहाड़ का पानी जब हरिद्वार आता है तो वह रुड़की, लक्सर और खानपुर तथा भगवानपुर क्षेत्र में बड़ी तबाही का कारण बन जाता है। सोलानी नदी का तटबंध टूटने से इस क्षेत्र में जल प्रलय की जो स्थिति पैदा हो गई उसका कोई समाधान किसी के पास नहीं है। प्रशासन टूटे तटबंध को ठीक करने में जुटा है लेकिन जिन क्षेत्रों में 8 से 10 फुट तक पानी भरा हुआ है वहां अब आम आदमी अपनी जान और अपने मवेशियों की जान बचाने के लिए लहरों से लड़ रहा है एनडीआरएफ की टीमें लोगों को रेस्क्यू करने में जुटी है लेकिन इतने बड़े क्षेत्र में आई इस आपदा में वह नाकाम साबित हो रही है। उनके मोटर वोटों के मोटर भी इस पानी में फेल हो गए हैं और वह उन्हें धक्का मार—मार कर धकेल रहे हैं।
खास बात यह है कि मौसम विभाग द्वारा आज दिन 3 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया उनमें नैनीताल, उधमसिंह नगर और चम्पावत में भारी बारिश हो रही है। आने वाले 17—18 जुलाई के लिए आज फिर 5 जिलों के लिए रेड व बाकी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अगर यह मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित होती है तो फिर हरिद्वार में भारी तबाही को रोक पाना संभव नहीं होगा।
हरिद्वार के प्रभारी मंत्री लापता
हरिद्वार। राज्य में मानसूनी आफत से निपटने में जुटी धामी सरकार ने आज अपने सभी प्रभारी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में जाने और बचाव राहत कामों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं लेकिन हरिद्वार जो बीते तीन—चार दिनों से इस आपदा की मार झेल रहा है और चारों ओर त्राहि—त्राहि मची हुई है, हरिद्वार के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज का बीते 3 दिनों से कुछ अता पता हीं नहीं है। धामी के हरिद्वार दौरे के समय में वह कहीं दिखाई नहीं दिए और न अब तक उनका कुछ अता पता है।