प्रदेश में बढ़ रहा है सांप्रदायिक तनाव
मायावती ने कहा जब मजारे बन रही थी तब सरकार कहां थी
देहरादून। उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों से लव जिहाद और लैंड जिहाद के मुद्दों ने जिस तेजी से गति पकड़ी है वह किसी खास मकसद के लिए तैयार किया गया मॉड्यूल है। यह सवाल इसलिए अहम है कि क्योंकि इन मुद्दों को लेकर अब हिंदू—मुस्लिम आमने सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं। लव जिहाद की नित नई वारदातों का सामने आना और फिर उनका इतना तूल पकड़ना कि राज्य की कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो जाए और प्रदेश का सांप्रदायिक माहौल खराब होने की आशंकाएं जताई जाने लगे तो ऐसी स्थिति अचानक पैदा नहीं हो सकती।
खास बात यह है कि जितनी तेजी से घटनाक्रम सामने आ रहा है उतनी ही तेजी से और राष्ट्रीय नेताओं की क्रिया प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। भले ही मुख्यमंत्री धामी ने लैंड जेहाद के खिलाफ जो कार्यवाही राज्य में शुरू की गई थी वह धार्मिक स्थलों की आड़ में सरकारी जमीनों से कब्जे हटाने और राज्य के जनसांख्यिकीय असंतुलन को रोकने के मद्देनजर की गई थी लेकिन इस कार्यवाही के दौरान मजारों के खिलाफ की गई कार्रवाई को एक पक्ष या समुदाय विशेष के खिलाफ कार्यवाही माना जा रहा है। आज मायावती ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए धामी सरकार के इस फैसले को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर मजारों या किसी धर्म विशेष के धार्मिक स्थलों को तोड़ा जाना गलत है। उन्होंने सवाल उठाया है कि जब सरकारी जमीनों पर यह मजारे बनाई जा रही थी तब सरकार कहा थी। सरकार ने तब मजारों को बनने से क्यों नहीं रोका।
उधर आज प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मुख्यमंत्री धामी से मिलकर 15 जून को उत्तरकाशी में होने वाली हिंदू संगठनों की महापंचायत तथा 18 जून को दून में मुस्लिम संगठनों की होने वाली महापंचायत पर रोक लगाने की मांग की गई है। सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि राज्य में बढ़ रही लव जिहाद की घटनाएं जिस तरह से सामने आ रही हैं वह किसी सोचे—समझे षड्यंत्र का हिस्सा लग रही हैं। कोई मॉड्यूल इन घटनाओं के पीछे है जो राज्य का सांप्रदायिक माहौल खराब करना चाहता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस टकराव और तकरार की स्थिति को रोकने की मांग की है। उधर बीते कल असदुद्दीन ओवैसी ने भी उत्तरकाशी में होने वाली महापंचायत को रोकने की मांग करते हुए कहा था कि जिन लोगों का कोई कसूर नहीं है उन्हें अपना सालों पुराना व्यवसाय बंद कर पलायन करना पड़ रहा है उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। जो लैंड व लव जिहाद की घटनाओं को गलत बता रहे हैं और जो सही बता कर हवा दे रहे हैं वह सभी वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है