देहरादून। अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी जांच पूरी करते हुए 500 पेज के साथ ही 100 गवाहों के नामों के साथ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
आज यहां पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए एडीजी वी मुर्गेशन व डीआईजी अपराध/ कानून व्यवस्था व एसआईटी प्रभारी पी रेणुका देवी ने बताया कि 19 सितम्बर को पुलकित आर्य पुत्र विनोद आर्य निवासी गंगाभोगपुर तल्ला यमकेश्वर ने राजस्व पुलिस को अपने रिजार्ट कर्मी अंकिता भण्डारी पुत्री विरेन्द्र सिंह भण्डारी की गुमशुदगी दर्ज करायी थी। जिसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर उक्त मामला 22 सितम्बर को पुलिस को सौप दिया गया था। उन्होंने बताया कि मामले की जांच करते हुए पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण व रिजार्ट में मौजूद रिजार्टकर्मियों से पूछताछ की गयी तो यह बात सामने आयी कि 18 सितम्बर की सांय आठ बजे अंकिता भण्डारी पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर व अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ रिजार्ट से गयी थी तथा उसके पश्चात अंकिता भण्डारी को किसी ने रिजार्ट में नहीं देखा था। जिसके बाद पुलिस ने रिजार्ट मैंनेजर सौरभ भास्कर, पुलकित आर्य व अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता हो हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने पुलिस को बताया कि अंकिता भण्डारी को उन्होंने चीला नहर कुनाउ पुल के पास नहर मे ंधक्का देकर हत्या कर दी। जिसके बाद पुलिस ने तीनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर घटना का खुलासा किया था। जिसके बाद पुलिस ने 24 सितम्बर को चीला नहर का पानी रूकवाकर अंकिता के शव की तलाश की तो एक शव मिला जिसकी शिनाख्त अंकिता के परिवार वालों ने अंकिता भण्डारी के रूप में कर ली थी। मामले की गम्भीरता को देखते हुए डीआईजी पी रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर जांच सौप दी गयी थी। जिसके बाद एसआईटी ने अपनी जांच करते हुए 100 गवाहों के बयान न्यायालय में दर्ज कराये तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ ही अन्य साक्ष्यों के साथ 500 पेज की अपनी जांच रिपोर्ट आज अभियोजन कार्यालय में पेश कर दी गयी है। जांच टीम ने बताया कि जांच के दौरान एसआईटी को न तो अंकिता भण्डारी का मोबाइल मिला और न ही पुलकित आर्य का मोबाइल फोन एसआईटी को मिला है।