आखिर क्यों नहीं रूक रहा है उत्तराखण्ड में नशे का कारोबार?

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एसटीएफ व पुलिस ने पकड़ी दस लाख की स्मैक व कई किलो चरस

देहरादून। नशे के खिलाफ अभियान चलाते हुए उत्तराखण्ड पुलिस को लम्बा अर्सा बीत चुका है। इस अभियान के तहत पुलिस आये दिन नशा तस्करों को दबोच कर उनके पास से लाखों रूपये की नशा सामग्री बरामद कर उन्हे सलाखों के पीछे भी भेज रही है। लेकिन नशा तस्करी है कि रूकने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या पुलिस का यह अभियान सही दिशा में चलाया जा रहा है?
बता दें कि बीते दो दिनों के भीतर एसटीएफ व पुलिस द्वारा नशा तस्करों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए अलग—अलग स्थानों से लगभग दस लाख की स्मैक व लाखों की चरस बरामद की गयी है। एसटीएफ द्वारा जहंा हरिद्वार के कासमपुर गांव के पास से एक नशा तस्कर को दबोच कर उसके पास से लगभग दस लाख की स्मैक बरामद की गयी है तो वहीं उत्तरकाशी पुलिस द्वारा भी कल देर शाम डेढ़ किलो चरस सहित एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। जिसकी कीमत लगभग डेढ़ लाख रूपये बतायी जा रही है। इस क्रम में ऋषिकेश पुलिस ने भी आज सुबह फ्लाई ओवर देहरादून रोड के पास से उत्तरकाशी के एक नशा तस्कर को दबोच कर उसके पास से भारी मात्रा में चरस बरामद की गयी है। इसके अलावा भी अलग—अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने कई नशा तस्करों को पकड़ कर उनसे स्मैक व चरस बरामद की है।
यह सभी मामले बताने के लिए काफी है कि मित्र पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ जमकर कार्यवाही कर रही है। लेकिन जानकारों का कहना है कि अगर पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ इतनी सख्त कार्यवाही कर रही है तो फिर राज्य में नशा तस्करी रूकने का नाम क्यों नहीं ले रही है? यह सोचनीय सवाल है। वहीं सूंत्रों का दावा है कि जितनी मात्रा में पुलिस नशा तस्करों से नशा सामग्री बरामद करती है उससे कहीं ज्यादा का कारोबार नशा तस्कर उत्तराखण्ड में कर रहे है और उनकी जड़े काफी गहरी है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या उत्तराखण्ड पुलिस का नशे के खिलाफ अभियान सही दिशा में चल रहा है।

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