अब घर बैठे ही डाल सकेंगे वोट, सीनियर सिटीजन व दिव्यांगों को मिलेगी सुविधा

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देहरादून। एक जनवरी २०२२ की अर्हता तिथि के आधार पर एकीकृत निर्वाचक नामावली के आलेख्य का प्रकाशन किया गया है। इस पर १ नवम्बर २०२१ से ३० नवम्बर २०२१ तक दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की जा सकती हैं। मीडिया सेंटर, सचिवालय में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि ३० नवम्बर तक प्रस्तुत दावों और आपत्तियों का निस्तारण २० दिसम्बर २०२१ तक किया जाएगा। इसके बाद निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन ५ जनवरी २०२२ को किया जाएगा। बीएलओ के द्वारा दिनांक ०१ सितम्बर २०२१ से १५ सितम्बर २०२१ तक घर-घर जांच और सत्यापन का कार्य सम्पादित किया गया। घर-घर जांच और सत्यापन के दौरान डीएससी, एकाधिक प्रविष्टियों और लॉजिकल एरर आदि को हटाए जाने के लिए नियमानुसार कार्यवाही की गई।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा निर्वाचक नामावली का १ जनवरी २०२२ की अर्हता तिथि के आधार पुनरीक्षण से पूर्व प्रारम्भिक तैयारियों के आलोक में मतदेय स्थलों के मानकीकरण भी किया गया। इसमें, किसी भी मतदाता को अपने आवास से मतदेय स्थल तक पहुंचने के लिए २ किमी से अधिक पैदल दूरी तय न करनी पड़े, १२०० से अधिक मतदाता वाले मतदेय स्थलों को विभाजित किया जाना आदि बातों पर विशेष ध्यान दिया गया। मतदेय स्थलों के संशोधन, परिवर्तन एवं परिवर्धन प्रस्तावों पर आयोग से दिनांक ०५ अक्टूबर २०२१ को अनुमोदन प्राप्त हुआ और तदनुसार समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों के द्वारा इसका नियमानुसार लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम १९५१ की धारा २५ के अंतर्गत अंतिम प्रकाशन किया गया। अंतिम रूप से प्रकाशित मतदेय स्थलों की सूची मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को उपलब्ध कराने के साथ-साथ सर्व साधारण की जानकारी के लिए कार्यालय, मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाईट द्धह्लह्लश्चरू//ष्द्गश.ह्वद्म.द्दश1.द्बठ्ठ पर भी उपलब्ध है। आलेख्य प्रकाशन से पूर्व मतदेय स्थलों की कुल संख्या ११०२४ थी जो कि अंतिम रूप से एकीकरण के उपरांत ११६४७ हो गई है। प्रत्येक मतदेय स्थल पर भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार रैम्प, पेयजल, पर्याप्त फर्नीचर, विद्युत, हेल्प डेस्क, उचित संकेतांक, महिला व पुरूष के लिए अलग-अलग शौचालय, शेड जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत के ऐसे नागरिक जो दिनांक ०१ जनवरी २०२२ को १८ वर्ष या इससे अधिक की आयु पूर्ण कर रहे हैं, विधानसभा निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित कराने के लिए प्रारूप-६ पर अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। वर्तमान आलेख्य निर्वाचक नामावली में जिन निर्वाचकों के नाम, अन्य विभिन्न विवरण या फोटोग्राफ आदि त्रृटिपूर्ण अथवा अशुद्ध हैं, उसे सही कराने के लिए प्रारूप-८ पर आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी का नाम त्रुटिवश विलोपित हो गया है तो भी नाम सम्मिलित कराने के लिए फार्म-६ भर सकते हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ०१ जनवरी २०२१ की अर्हता तिथि पर दिनांक १५ जनवरी २०२१ को उत्तराखण्ड में ७८ लाख १५ हजार १९२ मतदाता थे। ०१ जनवरी २०२२ की अर्हता तिथि पर दिनांक ०१ नवम्बर २०२१ के आलेख्य में कुल मतदाताओं की संख्या ७८ लाख ४६ हजार हो गई है। इस प्रकार दिनांक १५ जनवरी २०२१ से १२ अक्टूबर २०२१ के मध्य उत्तराखण्ड राज्य में ३० हजार ८०८ मतदाताओं की शुद्ध वृद्धि हुई है। प्रति हजार पुरूषों के सापेक्ष महिला लिंगानुपात में भी वृद्धि हुई है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पुनरीक्षण कार्य के सुव्यवस्थित संचालन और सम्पादन के लिए आयोग द्वारा दोनों मण्डलों के मण्डलायुक्तों को निर्वाचक नामावली के प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है, जो कम से कम तीन बार अपने मण्डल के सभी जनपदों का भ्रमण कर पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा एवं अनुश्रवण कर आयोग को समय-समय पर अपनी रिपेर्ट प्रेषित करेंगे।
मुख्य निर्वाचत अधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार ८० वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, निर्वाचक नामावली में फ्लैग्ड किए गए दिव्यांगजनों के पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी। उत्तराखण्ड राज्य में आलेख्य निर्वाचक नामावली के अनुसार ८० वर्ष से अधिक आयु के निर्वाचकों की संख्या १६५११३ है जबकि दिव्यांग निर्वाचकों की संख्या ५३९०० है।

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