- राज्य में भारी बारिश से जनजीवन अस्त—व्यस्त
- अब तक दो दर्जन से अधिक मौतें
- जरूरी सामान की आपूर्ति भी मुश्किल
देहरादून। उत्तराखंड के आसमान से हो रही आफत की बारिश ने आमजन जीवन को अस्त—व्यस्त कर दिया है। पहाड़ दरक रहे हैं, सड़के बंद है, नदी नाले उफान पर है और सब कुछ अपने साथ बहा ले जाने पर आमादा है। ताबड़तोड़ बारिश के कारण स्कूल—कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रो को बंद करना पड़ा है। लोगों तक जरूरी सामान की आपूर्ति भी मुश्किल हो रही है।
बीते कल मौसम विभाग द्वारा सूबे के 3 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट व चार जिलों में आरेंज तथा तीन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया था। राज्य के लगभग सभी जिलों में हो रही भारी बारिश के कारण हालत अत्यंत ही गंभीर बने हुए है। राज्य के तमाम नेशनल हाईवे सहित 123 सडके मलवा आने या भारी बारिश के कारण बंद पड़ी है। अब तक आसमानी आफत के कारण दो दर्जन से अधिक लोगों की जाने जा चुकी हैं तथा लाखों हेक्टेयर भूमि भूस्खलन के कारण खराब हो चुकी है।
गंगोत्री—यमुनोत्री हाईवे सहित बद्रीनाथ राजमार्ग भी कई जगह मलवा वह बोल्डर आने से बाधित हो गया है। वही केदारनाथ हाईवे की स्थिति भी कई जगह अत्यंत ही खतरनाक बनी हुई है यह बात अलग है कि लोग जान हथेली पर रखकर अभी भी धाम तक पहुंच रहे हैं। आज सावन के पहले सोमवार के दिन यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। गंगोत्री व यमुनोत्री हाइवे पर भारी वाहनों की अवाजाही पर रोक लगाई गई है वहीं देहरादून—मसूरी मार्ग पर भारी वाहन पर रोक है। उधम सिंह नगर, बागेश्वर, चंपावत व पिथौरागढ़ में भारी बारिश के कारण स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रो में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
राज्य की तमाम नदियों ने रौद्र रूप धारण कर रखा है चमोली में अलकनंदा और पिंडर नदियों का जलस्तर लोगों को डरा रहा है तो बागेश्वर के सरयू व पिथौरागढ़ में काली नदी सहित अन्य नदियों ने तांडव मचा रखा है। बीते कल से रुड़की और लक्सर में भारी बारिश के कारण कांवड़ियों को दिक्कतें हो रही है। नदियों के किनारे की बस्तियों ंका खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है क्योंकि अभी 2 दिन तक राज्य में भारी बारिश होने की संभावना है। जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है और मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।