हरिद्वार। गुरु पूर्णिमा के वेदों की रचना करने वाले वेद व्यास का जन्मदिन भी मनाया जाता है। वेद व्यास के पास ज्ञान का भंडार था, उन्हीं की स्मृति में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि आज के दिन गंगा स्नान कर अपने गुरुओं की पूजा करनी चाहिए और उनके बताए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा पर आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए हरिद्वार पहुंचे हैं। जहां वह हरकी पैड़ी समेत तमाम घाटों पर पहुंचकर गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बन रहे हैं।
हरिद्वार में गुरु पूर्णिमा के मौके पर आज श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे हैं तो वहीं काफी संख्या में कांवड़िए भी जल भरने पहुंचे हुए हैं। ऐसे में हरिद्वार का एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि आषाढ़ मास की पूर्णमासी को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। जिसे महर्षि वेद व्यास के जन्मदिन के उपलक्ष्य में ही मनाया जाता है। बताया कि गुरु का अर्थ अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला व्यक्ति होता है आज के दिन जो व्यत्तिQ तीर्थ स्थान पर स्नान आदि कर अपने गुरु या उनकी पादुकाओं की पूजा करता है साथ ही अपने गुरु को अपने से सामर्थ्य के हिसाब भेंट देता है, उसे आज के दिन गुरु का आशीर्वाद मिलता है. जिससे उसकी जीवन में तरक्की होती है। आज के दिन का विशेष महत्व इसलिए भी हो जाता है. क्योंकि, आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान कर लेता है उसके जीवन में आने वाले किसी भी प्रकार के रोग या शोक गुरु के आशीर्वाद से शांत हो जाते हैं। यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा पर हरिद्वार के घाट लोगों से पटे नजर आ रहे हैं।