आदर्श राज्य व विकसित राष्ट्र की बात

0
338

जब देश अपनी स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है और उत्तराखण्ड राज्य अपनी स्थापना की 23वीं वर्षगांठ, ऐसे समय मेें दो बातें समानान्तर रूप से प्रचारित की जा रही है। पहली बात है विकसित भारत की और दूसरी बात है उत्तराखण्ड के आर्दश राज्य की। सुनने में यह एक अत्यंत ही सुखद अहसास कराती है। काश! ऐसा संभव हो सके कि आजादी की सौवीं वर्षगांठ मनाने से पूर्व हमारा देश एक विकसित राष्ट्र बनकर उस सूची मेेंं शामिल हो जाये जिसमें ब्रिटेन, अमेरिका और प्रQंास जैसे देश है और उत्तराखण्ड 25 साल होने तक देश का सबसे अग्रणीय और आदर्श राज्य बन जाये जिसकी मिसाल दूसरे उन राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सके जो आजादी के समय से ही अति पिछड़े हैै। लेकिन आज तक भी आदर्श राज्य नहीं बन सके। बीते दिनों प्रधानमंत्री ने अपने केदारनाथ धाम दौरे के समय यह कहा था कि यह दशक उत्तराखण्ड के विकास का दशक होगा। तभी से इस बात को एक तकिया कलाम की तरह राज्य के सत्ताधारी नेता दोहरा रहे है। राज्य की आय व्यय का क्या ब्यौरा है जन सेवाओं की क्या स्थिति है? पलायन और बेरोजगारी की क्या स्थिति है उसकी लम्बी चर्चा नही की जा सकती है। राज्य बनने के बाद राज्य की स्थिति और परिस्थितियंा बदली है उनमें सुधार आया है लेकिन अभी बहुत कुछ ऐसा है जिसमें सुधार की जरूरत है। जहंा तक राज्य के आदर्श या सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की बात कही जा रही है या प्रचारित की जा रही है वह महज एक शगुफा ही है उत्तराखण्ड अभी गोवा जैसे राज्यों से भी कोसो पीछे है। रही बात विकसित भारत की तो देश में गरीबी बेरोजगारी और भ्रष्टाचार की जो स्थितियंा है वह किसी पिछड़े से पिछड़े देश की भी नहीं हो सकती है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की 136 देशों की सूची में भारत 126 वें नम्बर पर है। कोरोना काल के दौरान बेरोजगार हुए देश के युवा और शिक्षित बेरोजगार नौकरी के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे है। लेकिन उन्हे रोजगार नहीं मिल पा रहा है। ऐसे बेरोजगारों की संख्या 5.3 करोड़ है। जिसमें 90 लाख महिलाएं भी शामिल है। ऐसी स्थिति में अगर आपको कोई विकसित देश की बात करे तो यह किसी को भी एक मजाक जैसा ही लगेगा। अभी देश की केन्द्र्र सरकार द्वारा पूरे देश भर में विकसित भारत संकल्प यात्राओं के आयोजन का खाका तैयार किया गया। केन्द्र सरकार द्वारा सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों को पूरे देश में इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजनों के बारे में दिशा निर्देश दिये गये। सभी राज्यों की सरकार और अधिकारी ब्लाक और तहसील स्तर तक विकसित भारत संकल्प यात्राओं के आयोजनों पर आपको आने वाले समय में जुटे दिखेगें। सवाल यह है कि सिर्पQ संकल्प यात्राओं के जरिए किये जाने वाले इस विकसित भारत के प्रचार से भारत एक विकसित राष्ट्र बन जायेगा? लेकिन 2024 के चुनाव से पहले केन्द्र सरकार ने अपने लिए विकसित भारत का चुनावी ऐजेन्डा या यूं कहिये कि एक शगुफा जरूर तैयार कर लिया गया है। दस साल पहले काला धन वापस लाने और किसानों की आय दो गुना करने तथा गरीबोें के खातों में दस—दस लाख डालने की तर्ज पर अब 2024 के चुनाव में देशवासियों को विकसित भारत का सपना जरूर दिखाया जायेगा। यह सपना कब सच होगा यह आने वाला समय ही बतायेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here