विशाल भण्डारे के साथ हुआ कथा का विश्राम

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देहरादून। प्राचीन शिव मंदिर मालदेवता में सूदूर क्षेत्रों से लोगों ने आकर कथा का श्रवण किया। आयोजकों के द्वारा प्रातः पूजन पाठ हवन और विशाल भण्डारे का आयोजन किया।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कथावाचक ज्योतिष्पीठ बद्रिकाश्रम व्यासपीठालंकृत आचार्य शिवप्रसाद ममगांई ने कहा, अनन्त ब्रह्म के नाम, यश, रूप, लीलाओं आदि की दिव्य महिमा के वर्णन से ओतप्रोत होता है वह एक दूसरी ही सृष्टी होती है। वह उन शुद्ध व्यक्तियों द्वारा सुना, गाया तथा स्वीकार किया जाता है जो पूर्णतया निष्कपट हैं। सारांश यह है कि जब हम केवल ब्रह्म की भक्तिपूर्ण सेवा की बात करते हैं, तभी हम व्यर्थ और मूर्खतापूर्ण बातों से बच सकते हैं और मानवता की श्रेणी में अग्रसर हो सकते हैं। हमें सदैव प्रयत्न करना चाहिये कि अपनी वॉक शक्ति का प्रयोग भगवान् की भक्ति को उपलब्ध करने के उद्देश्य से करें। जहाँ तक चंचल मन की क्षुब्धावस्था का प्रश्न है, वह दो भागों में बाँटी जा सकती है, पहली अविरोध प्रीति या निर्बाध ममता है और दूसरी विरोध युक्त क्रोध है जो निराशा या विफलता जन्य होता है। मायावादियों के सिद्धांतों में आग्रह, कर्मवादियों के सकामकर्मफल में विश्वास, और भौतिक कामनाओं पर आधारित योजनाओं में आस्था रखना अविरोध प्रिति कहलाती है। ज्ञानी कर्मी और भौतिक कामनाओं को लेकर कर्म करने वाले लोग प्रायः सकाम जीवों का ध्यान आकर्षित करते हैं, किंतु जब भौतिकवादी लोग अपनी योजनाओं को पूरा नहीं कर पाते और उनके प्रयत्न विफल हो जाते हैं, तो वे क्रुद्ध हो जाते हैं। भौतिक कामनाओं की विफलता क्रोध उत्पन्न करती है। इसी प्रकार शरीर की आवश्यकतायें तीन भागों में विभाजित की जा सकती हैं, रसना (जीभ) की आवश्यकतायें, उदर की आवश्यकतायें और जनन इंद्रिय की आवश्यकतायें। हम देख सकते हैं कि जहाँ तक शरीर का सम्बध हैये तीनों इन्दियाँ एक सीधी पंक्ति में स्थित हैं और शारीरिक भूख रसना जीह्वा से शुरू होती है। यदि कोई मनुष्य रसना की आवश्यकता को केवल प्रसाद ग्रहण द्वारा नियंत्रित कर ले तो पेट और जननेंद्रिय के आवेग स्वतः नियंत्रित हो जायेंगे। इसलिये भाई—बहनों मनुष्य जन्म बहुत दुर्लभ है इसे व्यर्थ न जाने दें, भगवान् की भक्ति और प्रीति के साथ जीवन को धारण करें।

आयोजकों द्वारा विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया। वहीं कुमारी सपना बडोनी को 94 प्रसेन्ट मार्क लाने पर सम्मानित किया गया। आज विशेष संगठन महामंत्री उत्तराखंड अजय, महापौर सुनील उनियाल गामा, पूर्व जिलाध्यक्ष शसमशेर सिंह पुंडीर, पूर्व महानगर अध्यक्ष सिताराम भटृ, शर्मिला भटृ, संगीता, कांग्रेस प्रदेश सचिव शान्ती रावत, कांग्रेस के प्रदेश सदस्य अर्जुन सिंह गहरवार, समाज सेवी कृपाल सिंह रावत, समाज सेवी विरेन्द्र मियां रघुवीर सिंह जयाड़ा, पूर्व प्रधान नारायण सिंह पँवार, पूर्व प्रधान सुरेश पुंडीर, मुकेश पुंडीर, ललिता डबराल, सुनिता थापा, ममता, निर्मला गुसाईं आदि उपस्थित रहे।

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