जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की चेतावनी – मांगों को नहीं माना तो 27 को चक्का जाम

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जोशीमठ आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करें
सभी परिवारों के पुनर्वास का इंतजाम करें

जोशीमठ। तीन महीने से आंदोलित जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने उत्तराखंड के शासन—प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 27 अप्रैल से शुरू होने वाली बद्रीनाथ यात्रा के पहले दिन वह चक्का जाम कर यात्रा को रोक देंगे।
जोशीमठ आपदा प्रभावितों को उचित मुआवजा और पुनर्वास की उचित व्यवस्था करने तथा जोशीमठ आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने व एनटीपीसी की विष्णु गाड विघुत परियोजना को पूर्णतया बंद करने जैसी अनेक मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे जोशीमठ आपदा प्रभावित लोगों द्वारा जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले बीते तीन माह से लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि जोशीमठ के हालात में किसी भी तरह का सुधार नहीं आया है आज आपदा के साढ़े 3 महीने बाद आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि जोशीमठ आपदा के लिए यहां चल रही बिजली परियोजनाएं और ऑल वेदर रोड के लिए किए जाने वाले काम ही जिम्मेवार हैं। आपदा की मार झेल रहे लोगों का आरोप है कि सरकार द्वारा 300 परिवारों को आपदा प्रभावितों में शुमार किया जा रहा है जबकि जोशीमठ में हो रहे इस भू धसाव से 3 हजार परिवार प्रभावित हैं। उनका कहना है कि आपदा के बाद तमाम विभागों की टीमों द्वारा यहां आकर सर्वे किए गए लेकिन अब इस जांच के आधार पर क्या निष्कर्ष निकल कर सामने आए यह किसी को भी पता नहीं है। उनका कहना है कि सरकार को एनडीएमए की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए।
संघर्ष समिति का कहना है कि सरकार द्वारा अब तक 31 आपदा प्रभावितों को 8 करोड़ की मदद देकर तथा कुछ प्रीफैबरीकेटेड हट बनाकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गई है सत्ता में बैठे लोगों ने यह मान लिया है कि अब जोशीमठ में कुछ बड़ा होने वाला नहीं है जबकि पूरे जोशीमठ के अस्तित्व पर बड़ा खतरा बना हुआ है। सरकार ने अभी तक आपदा प्रभावितों के विस्थापन की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। संघर्ष समिति ने राज्य सरकार को ज्ञापन देकर साफ चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले ही दिन चक्का जाम करेंगे। यहंा यह भी उल्लेखनीय है कि अभी अपने दिल्ली दौरे के समय सीएम धामी ने आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए दो हजार करोड़ की मदद केंद्र सरकार से मांगी गई थी।

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